Khajrana Ganesh Mandir Indore: बहुत चमत्कारिक है इंदौर का खजराना गणेश मंदिर, यहां लोग बनाते हैं उल्टा स्वास्तिक चिन्ह
Khajrana Ganesh Mandir Indore: खजराना गणेश मंदिर मध्य प्रदेश (Khajrana Ganesh Mandir Indore) के इंदौर के खजराना इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है। यह इंदौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। खजराना मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। यह प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। गणेश चतुर्थी के दौरान यहां विस्तृत उत्सव होते हैं। मंदिर का आध्यात्मिक माहौल और ऐतिहासिक महत्व इसे इंदौर में एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है। यह मंदिर इंदौर स्टेशन से मात्र पांच किमी की दुरी पर स्थित है।
खजराना गणेश मंदिर का इतिहास
इस मंदिर (Khajrana Ganesh Mandir Indore) का निर्माण 1735 में मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। भगवान गणेश की मूर्ति को मुगल सम्राट औरंगजेब से सुरक्षित रखने के लिए एक कुएं में छुपाया गया था। अहिल्याबाई ने कुएं से निकाल कर इस मंदिर की स्थापना की। धीरे-धीरे यह मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी से बड़े आंतरिक और बाहरी गर्भगृहों के साथ एक बड़े मंदिर में बदल गया। यहां भगवान गणेश की मुख्य मूर्ति ईंट, गुड़, चूना पत्थर, मिट्टी, और पानी से बनी है। गर्भगृह का द्वार, बाहरी और ऊपरी दीवारें चांदी से बनी हैं और इस पर विभिन्न त्योहारों को दर्शाया गया है। भगवान की आंखें हीरे से बनी हैं जो इंदौर के एक व्यापारी ने दान में दी थीं। यहां शनिदेव, साईं बाबा, भेरव बाबा मंदिर और भोलेनाथ सहित हिंदू धर्म के विभिन्न देवताओं को समर्पित अन्य मंदिर भी हैं।
अपने इतिहास और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के कारण यह शहर में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि जो भी यहां आकर किसी चीज की कामना करता है, उसकी कुछ ही समय में मनोकामना पूरी हो जाती है। यह मंदिर भारत के अलावा विदेशों में भी उतना ही प्रसिद्ध है। मंदिर को नियमित रूप से दान के रूप में धन, सोना, हीरे और अन्य कीमती गहने मिलते हैं। पास में स्थित नाहर सैयद की दरगाह इस पर्यटन स्थल की धार्मिक आभा को और बढ़ा देती है। इस मंदिर का मुख्य त्योहार विनायक चतुर्थी है जो हर साल अगस्त/सितंबर में भव्य रूप से मनाया जाता है।
यहां लोग बनाते हैं उल्टा स्वास्तिक चिन्ह
इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां लोग उल्टा स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं। माना जाता है कि यहां उल्टा स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। यहां आने वाले लोग मन्नत मांगते हुए मंदिर के पीछे की दिवार पर उल्टा स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं। एक बार जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो वही लोग यहां आकर सीधा स्वास्तिक का निशान बनाते हैं। इस मंदिर में अधिकतर बुधवार और रविवार को भारी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। मंदिर सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बाके तक और फिर शाम चार बजे से रात के आठ बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
खजराना गणेश मंदिर इंदौर तक कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग से खजराना गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए इंदौर में देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से आप मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या स्थानीय बस ले सकते हैं। इंदौर जंक्शन रेलवे स्टेशन शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक के लिए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और बसें उपलब्ध हैं। दूसरी तरफ इंदौर सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप शहर के विभिन्न हिस्सों से स्थानीय परिवहन, टैक्सियों या ऑटो-रिक्शा के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
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