Modi Government 3.0: शिवराज सिंह चौहान ने ली मंत्री पद की शपथ, जानिए उनका सफरनामा
Modi Government 3.0: लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद रविवार को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में मोदी के साथ ही मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने भी शपथ ली। शिवराज सिंह मोदी सरकार 3.0 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
जीवन परिचय
शिवराज सिंह का जन्म 5 मार्च, 1959 को मध्य प्रदेश के बुधनी में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेम सिहं चौहान और माता का नाम सुंदरभाई चौहान है। उनके दो बड़े भाई और बहन हैं। शिवराज सिंह की शादी 1992 में हुई थी और उनकी पत्नी का नाम साधना सिंह है। शिवराज सिंह के दो बेटे हैं जिनके नाम कार्तिकेय चौहान और कुणाल चौहान हैं। शिवराज छात्र राजनीति के समय से ही बीजेपी के छात्र राजनीतिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ गए थे।
लोकसभा चुनाव 2024 में शिवराज सिंह का प्रदर्शन
शिवराज सिंह ने विदिशा लोकसभा सीट (Vidisha Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ा था। उन्होंने दमदार प्रदर्शन करते हुए 11,16,460 वोट हासिल किए थे। उन्हें कुल वोटों के 76.7 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने अपने विरोधी उम्मीदवार को 8,21,408 वोटों के विशाल अंतर से हराया। इस सीट से दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानू शर्मा रहे थे जिन्हें 2,95,052 उन्हें 20.3 प्रतिशत वोट मिले थे। इस सीट पर तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी के किशन लाल लड़िया रहे थे। उन्हें कुल 10,816 वोट मिले थे और उनका वोट प्रतिशत 0.70 रहा था।
शिवराज सिंह से जुड़ी खास बातें
शिवराज सिंह पहली बार बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से 1990 में विधायक चुने गए थे।
शिवराज ने 1990, 2006, 2008, 2013, 2018 और 2023 में विधानसभा चुनाव जीता था।
उन्होंने 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2024 में लोकसभा चुनाव जीता था।
शिवराज जमीनी स्तर के नेता माने जाते हैं। वह कार्यकताओं और जनता से सीधे कनेक्ट होते हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में उनके चाहने वाले उन्हें मामा कहकर संबोधित करते हैं।
ताकतवर नेता बनकर उभरे शिवराज सिंह
साल 2023 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह के चेहरे पर नहीं लड़ा गया था। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें साइडलाइन कर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब माना गया था कि शिवराज का दौर खत्म हो चुका है और वह अब हाशिए पर जा चुके हैं। हालांकि, शिवराज ने उस मुश्किल घड़ी में धैर्य नहीं खोया और पार्टी के समर्थन में खड़े रहे।
शिवराज को इसी अनुशासन का फल मिला है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया। यहां भी उन्होंने अपने ताकत का प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की। शिवराज ने छठे नंबर पर शपथ ली और निर्मला सीतारमण से पहले उन्हें शपथ दिलाई गई। यह बात अपने आप में उनके कद को दर्शाती है कि शिवराज अब कहीं अधिक ताकतवर बनकर उभरे हैं।