PM Awas Yojana MP: फर्जी खाते खुलवाकर डकारे पीएम आवास योजना के पैसे, लाखों की ऐसे हुई धांधली
PM Awas Yojana MP: उमरिया। एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देकर कच्चे मकानों से पक्के मकान दिलाने का महत्वाकांक्षी काम कर रहे हैं, वहीं जमीनी स्तर के अधिकारी उस योजना को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। उमरिया जिले में एक ऐसे ही फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है जहां सैकड़ों की संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana MP) के मकान गायब हो गए। जी हां, वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक का हितग्राहियों के खाते में राशि भेजी गई लेकिन लाभार्थियों को पता ही नहीं था।
यह है पूरा मामला
दरअसल आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में सैकड़ों की संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास गायब हो गए हैं। सुनकर हैरानी तो होगी लेकिन हम आपको भ्रष्ट सिस्टम की एक ऐसी रिपोर्ट दिखाने जा रहे हैं जहां आदिवासी हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ महज कागजों में दे दिया गया। जबकि योजना की राशि बिचौलियों ने डकार ली। मामला जिले के ट्राइबल ब्लॉक पाली का है। यहां दर्जनों गांवों के गोंड आदिवासी समुदाय के हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हुए। योजना के तहत अलग-अलग किश्तों में कुल राशि एक लाख पैतालीस हजार रुपए लाभार्थी के खाते में भी आई। इस पैसे को निकाल भी लिया लेकिन मूल लाभार्थी जिसके नाम से राशि आई, उसे पता ही नहीं लगा।
खाते में आ गए पैसे और लाभार्थी को पता ही नहीं
हितग्राही जब पंचायत के दफ्तर में आवास की मांग करने पहुंचे तो पता चला कि आवास पोर्टल में उन्हें लाभ दिया जा चुका है। पाली ब्लाक के मुदरिया, बरहाई, करकटी, चंदनिया, कठई, कुरकुचा, जमुड़ी, मलाचुआ, इटौर, मेढ़की और ममान के हितग्राहियों के साथ ग्राम पंचायत के रोजगार से लेकर जनपद में बैठे अफसरों ने ऐसा खेल खेला कि वे हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हो गए और सरकारी योजना की करोड़ों की राशि का गबन भी हो गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की राशि को खुर्द बुर्द करने में जिम्मेदारों ने बड़ी चालाकी से हितग्राहियों के खाते जिले के बाहर शहडोल में अलग अलग बैंकों में खुलवाए। इसके बाद डीबीटी के तहत योजना की राशि खाते में डलवाकर राशि गबन कर दी है। ऐसे 17 हितग्राहियों के नाम मीडिया के सामने आए हैं जहां हितग्राहियों की राशि का गबन कर लिया गया। अनुमान है कि इस प्रकार जालसाजी के शिकार हितग्राहियों की संख्या सौ के ऊपर है। अभी तक जिन हितग्राहियों के के साथ आवास योजना में धांधली हुई उनके नाम सभी उमरिया जिले के पाली ब्लाक के अलग अलग गांवों निवासी हैं। इनमें से कुछ के नाम कौशल्या सिंह ग्राम मुदरिया, धर्मेंद्र सिंह ग्राम बरहाई, समय सिंह ग्राम, बाबू सिंह ग्राम, सुखमंती बाई ग्राम, बुद्धू सिंह ग्राम, सिगरिया बाई ग्राम कुरकुचा, चंपी बाई ग्राम कठई, शांति बाई ग्राम चंदनिया, मिट्ठू पाल ग्राम चंदनिया, गोवर्धन सिंह ग्राम ममान, पार्वती बाई ग्राम इटौर, तीरथ सिंह ग्राम गिंजरी, भगवंती बाई ग्राम ममान, सुनीता बाई ग्राम ओदरी, ऊदल सिंह ग्राम मुदरिया हैं।
स्वयंसेवी संस्था ने खोली फर्जीवाड़े की पोल
बेघर, बेसहारा हितग्राहियों को सीधे लाभ पंहुचाने वाली इस योजना में धांधली की पोल खोलने में मीडिया के साथ सहयोगी संस्था हमारा गांव संगठन के स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर आवास योजना की इस बड़ी गफलत का सत्यापन किया है। मामले की जानकारी के बाद जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप की स्थित बनी हुई है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश शासन के जिले के प्रभारी एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान पीएम जनमन आईसी कैंपेन फेस 2 के रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और जिले के कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
अब देखना यह है कि कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अति महत्वाकांक्षी और गरीबों को मदद देने वाली इस योजना (PM Awas Yojana MP) में गड़बड़ी का यह मामला है। इसमें अफसरों की नाक के नीचे बीते पांच सालों से भ्रष्टाचार का खेल चलता रहा और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह देखना वाकई आश्चर्यजनक होगा कि गरीबों के हक में डाका डालने वालों पर प्रभारी मंत्री के द्वारा दिए गए जांच का चाबुक कितना असरदार साबित होगा।
यह भी पढ़ें: