Morena Flood: बाढ़ से घिरे मंदिर में फंसा साधु, बचाने के लिए टीम पहुंची तो बोला, “मैं कहीं नहीं जाऊंगा, अखंड ज्योति जला रहा हूं”
Morena Flood: मुरैना। मध्य प्रदेश में लगातार कई दिनों से चल रही बारिश के चलते हालात भयावह रूप ले चुके हैं। राज्य में कई जगहों पर नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों पर चादर चल रही है। अधिकतर जगहों पर बाढ़ के हालात बन चुके हैं और प्रशासन लोगों को बचाने में जुटा हुआ है। मुरैना में भी हो रही तेज बारिश (Morena Flood) से जिले के पगारा, कोतवाल, पिलुआ बांध के गेट खोलने पड़े हैं।
हजारों बीघा में खड़ी फसलें हुई चौपट
मुरैना के पगारा बांध के पानी से आसन नदी भी 20 साल बाद ओवरफ्लो हो गई है। इसकी वजह से आसपास के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, वहीं हजारों बीघा में खड़ी फसलें भी तबाह हो गई। बाढ़ से घिरे गांवों में एसडीआरएफ टीम ने लोहगढ़ गांव में फंसे दो दर्जन ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पहुंचाया। प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।
बाढ़ में फंसे साधु ने सुरक्षित स्थान पर जाने से किया मना
इसी क्रम में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के डोमपुरा गांव में भी एक मंदिर के अंदर एक साधु के 2 दिन से फंसे होने की सूचना मिली। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ टीम कमांडेंट सुमन विसौरिया के नेतृत्व में जब वोट लेकर डोमपुरा सिद्ध आश्रम के अंदर पहुंची तो साधु नरसिंहदास ज्योति जलाते हुए मिले। एसडीआरएफ टीम ने साधु से कहा कि बाबा सुरक्षित जगह चलो, तो वह तपाक से बोले कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा। मैं यहीं बैठकर ज्योति जलाऊंगा। समझाने के बाद भी जब साधु ने वहां से हिलने से मना कर दिया तो एसडीआरएफ टीम लौट गई।
राज्य के अधिकतर स्थानों पर बिगड़ चुके हैं हालात
लगातार भारी बारिश के चलते राज्य में अधिकतर स्थानों पर बाढ़ (Morena Flood) का खतरा मंडराने लगा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी गुरुवार को सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्हें हर संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। साथ ही एमपी में सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां भी स्थिति सामान्य होने तक कैंसिल कर दी गई हैं।
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