Jabalpur Police News: एसपी संपत उपाध्याय का बड़ा एक्शन, क्राइम ब्रांच के 22 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, बदमाशों से सांठगांठ के थे आरोप
Jabalpur Police News: जबलपुर। जबलपुर में तेजी से बढ़ते अपराध और चाकूबाजी एवं अवैध नशे के कारोबार पर प्रभावी नकेल न लगा पाने से कई थानों के थाना प्रभारी और पुलिस अमले को फटकार लगाने और स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में एसपी संपत उपाध्याय ने एक और बड़ी करवाई की है। जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने जिले की क्राइम ब्रांच में तैनात 22 पुलिस कर्मचारियों को एक साथ लाइन अटैच कर दिया है। क्राइम ब्रांच के 22 पुलिस कर्मचारियों को लाइन अटैच की कार्रवाई ने पुलिस महकमें में हड़कंप मचा दिया है।
आला अधिकारी इस एक्शन से खुश हैं क्योंकि कई पुलिसकर्मियों के सालों से एक ही जगह पर जमे होने के कारण इन पर अपराधियों से सांठगांठ, पक्षपात सहित कई गंभीर आरोप लगने के साथ साथ इनकी कार्यशैली विवादास्पद होने लगती है। वही एक साथ क्राइम ब्रांच के 22 पुलिस कर्मचारियों को लाइन अटैच करने जैसा प्रभावी कदम उठाने वाले जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय प्रदेश भर के पुलिस महकमें में सुर्खियों में आ गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले तक मध्य प्रदेश के किसी भी जिले में एसपी ने इस तरह की सख्त कार्रवाई नहीं की है।
क्राइम ब्रांच में 4 साल से जमे, रूटीन तबादला प्रक्रिया
क्राइम ब्रांच के 22 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन अटैच करने वाले एसपी संपत उपाध्याय की कार्रवाई से पुलिस (Jabalpur Police News) महकमे में हड़कम्प मच गया है। क्राइम ब्रांच के जिन पुलिस कर्मचारियों पर लाइन अटैच की कार्रवाई हुई है, उसे लेकर एसपी संपत उपाध्याय का तर्क है कि यह रूटीन तबादले हैं। तबादले की जद में आए ये वहीं पुलिस कर्मचारी हैं जो क्राइम ब्रांच में 4 साल से अधिक समय से पदस्थ हैं। एसपी का मानना है कि स्मार्ट पुलिसिंग और मैदानी अमले को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए समय-समय पर उनके रुटीन तबादले जरूरी हैं।
अपराधियों से सांठगांठ और मुखबिरी के आरोप
एसपी संपत उपाध्याय ने जिन 22 पुलिस कर्मचारियों को क्राइम ब्रांच से पुलिस लाइन अटैच किया है उनमें से ज्यादातर के खिलाफ विभागीय स्तर पर अपराधियों से सांठगांठ और मुखबिरी के आरोप लगते रहे हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो लाइन अटैच किए गए ज्यादातर पुलिस कर्मचारी वहीं हैं जिनके खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी। एसपी की कार्रवाई को लेकर महकमे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे पुलिस कप्तान का सख्त एक्शन बता रहा है तो कुछ इसे जैसी करनी वैसी भरनी कह रहे हैं।
क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहने के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मियों के संपर्क बदमाशों और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों से सांठगांठ के रूप में देखने को मिलते रहे हैं। इसकी बानगी इस बात से भी समझी जा सकती है कि जब भी पुलिस पार्टी कोई बड़ी रेड कार्रवाई करती है, उन्हें वह कामयाबी नहीं मिलती जिसकी उम्मीद की जाती है। इसकी वजह है कि इनके बीच के ही पुलिसकर्मी पुलिस कार्रवाई की मुखबिरी कर देते है। बदमाशों को मुखबिरी हो जाने पर आरोपी भाग जाते थे या फिर सतर्क हो जाते थे। इसके कारण पुलिस (Jabalpur Police News) के कई बड़े ऑपरेशन फ्लॉप हो चुके थे।
25 अक्टूबर को एसपी संपत उपाध्याय ने संभाला पदभार
जबलपुर पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने 25 अक्टूबर 2024 को जबलपुर जिले की कमान पूर्व एसपी आदित्य प्रताप सिंह से पदभार ग्रहण कर संभाली थी। जिले में लगातार बढ़ते अपराध, चाकूबाजी और अवैध नशे के कारोबार पर प्रभावी अंकुश न लगने के कारण पुलिस (Jabalpur Police News) की छवि लगातार धूमिल हो रही थी और बदमाशों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे थे। लिहाजा पुलिस कप्तान के रूप में संपत उपाध्याय ने पदभार संभालते ही अपराध नियंत्रण को सबसे बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया।
एसपी संपत उपाध्याय ने पदभार संभालने के दौरान मीडिया से चर्चा में कहा था कि वह शहरवासियों को भय मुक्त वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए उन्होंने थाना प्रभारी से लेकर सीएसपी, एडिशनल एसपी सहित तमाम राजपत्रित अधिकारियों की बैठक की और निगरानीशुदा बदमाशों, चार से ज्यादा आपराधिक प्रकरण दर्ज अपराधियों की लिस्ट बनाकर उन पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिये। इतना ही नहीं एसपी संपत उपाध्याय ने अपने पौने दो माह के कार्यकाल में ही करीब आधा सैकड़ा बदमाशों पर एनएसएस का प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज उन पर प्रभावी कार्रवाई कराई है।
कई पुलिस कर्मियों को किया सस्पेंड़, लाईन अटैच और तबादले
एसपी संपत उपाध्याय ने पुलिस की छवि आमजनों के बीच बेहतर बनाने के लिये पौने दो माह के कार्यकाल में ही कई पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। बीते दिनों गोरखपुर थाने के एक पुलिस कर्मचारी को एक महिला से प्रकरण में रुपए की मांग करने पर सस्पेंड किया गया। इसी तरह कई थानों के थाना प्रभारी से लेकर एसआई, एएसआई और सिपाही को लाईन अटैच और एक थाना से हटाकर दूसरे थानों में तबादले की कार्रवाई की जा चुकी है।
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