MP Transport Department: परिवहन विभाग में एक और बड़ा घोटाला, जिन्हें हटाना था उनसे 10 साल कराया काम
MP Transport Department Scam ग्वालियर: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। परिवहन विभाग में जिन परिवहन आरक्षकों को हटाना था, उनसे 10 साल काम कराने का गंभीर मामला सामने आया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव ने हटाए गए आरक्षकों को दिया गया वेतन अफसरों से वसूलने का सख्त आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि आदेश का पालन 90 दिन में करना होगा। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
परिवहन विभाग में एक और बड़ा घोटाला!
बता दें कि, साल 2013 में परिवहन विभाग में भर्ती हुई थी। 45 आरक्षकों को महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित पद पर भर्ती किया गया था। इनमें से 14 आरक्षकों ने 17 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की और नियमित नहीं करने का आरोप लगाया। याचिका लंबित रहने के दौरान सितंबर 2024 को परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता ने इन आरक्षकों को सेवा से पृथक करने का आदेश जारी किया।
अफसरों से वसूलने का सख्त आदेश
इस आदेश के खिलाफ आरक्षक जबलपुर हाईकोर्ट गए। अब हाईकोर्ट ने माना है कि सरकारी अफसर गलत नियुक्ति (MP Transport Department Scam) पर आरक्षकों को वेतन देते रहे। ऐसे में आरक्षकों को दिए गए वेतन की वसूली अधिकारियों से करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हड़कंप मच गया है।
ग्वालियर में सौरभ शर्मा का पुश्तैनी घर
भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा (Transport Department Former Constable Saurabh Sharma) का ग्वालियर कनेक्शन भी सामने आया है। बता दें कि सौरभ शर्मा मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला है। बहोड़ापुर इलाके में उसका पुश्तैनी घर है। ग्वालियर के पॉश इलाकों में एक विनय नगर सेक्टर 2 में बने इस पुश्तैनी मकान की कीमत करोड़ों में होने का अनुमान है।