MP में IAS, IPS और IFS अधिकारियों के साथ मंत्रालय कर्मचारियों को देनी होगी संपत्ति की जानकारी, जानिए पूरा मामला

MP Mohan Government Instructions भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के साथ जिस तरह से नौकरशाहों द्वारा जमीनों की सांठ-गांठ सामने आई है, उसे देखते हुए सरकार ने IAS, IPS, IFS अधिकारियों को अपनी और पत्नी के नाम की संपत्तियों...
mp में ias  ips और ifs अधिकारियों के साथ मंत्रालय कर्मचारियों को देनी होगी संपत्ति की जानकारी  जानिए पूरा मामला

MP Mohan Government Instructions भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के साथ जिस तरह से नौकरशाहों द्वारा जमीनों की सांठ-गांठ सामने आई है, उसे देखते हुए सरकार ने IAS, IPS, IFS अधिकारियों को अपनी और पत्नी के नाम की संपत्तियों का पूरा ब्यौरा देने के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों के पास सिर्फ चौदह दिन बचे हैं, यानी 31 जनवरी तक पूरा ब्यौरा देने के लिए कहा गया है।

मध्य प्रदेश में करीब 850 IAS, IPS, IFS अधिकारी

बता दें कि मध्य प्रदेश में करीब 850  IAS, IPS, IFS अधिकारी (IAS, IPS, IFS officers in MP) हैं। इनको अपने परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा दर्ज करना होगा। इसके साथ ही इन अधिकारियों को यह बताना होगा कि प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में उनके और पत्नी के नाम पर कितनी संपत्ति है।

कब खरीदी और कितने मूल्य की थी?

आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को स्पष्ट करना होगा कि संपत्ति कब खरीदी (MP Government Decision) गई और उसकी खरीदी की क्या कीमत थी? यदि पुरानी है तो अभी उसका बाजार मूल्य कितना है। इन निर्देशों के तहत, अधिकारियों को वर्ष 2024 में खरीदी गई अचल संपत्तियों की पूरी जानकारी देनी होगी। इससे संपत्तियों में पारदर्शिता आएगी और यह तय हो सकेगा कि अधिकारी अपनी संपत्तियों के बारे में सही जानकारी दे रहे हैं या नहीं।

आदेश पहले से, लेकिन कोई नहीं देता जानकारी

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी (IAS IPS IFS Officers Property Details) किए हुए हैं। इसके तहत आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए अपनी संपत्तियों की जानकारी देना जरूरी है। सभी अधिकारी 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 के बीच इस विवरण को ऑनलाइन तय फॉर्मेट में अपलोड करेंगे और साथ ही इसकी हार्ड कॉपी भी शासन को भेजेंगे।

अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों के बारे में देना होगा विवरण

संपत्ति कहां है और किस राज्य में है खसरा नंबर और क्षेत्रफल क्या है। संपत्ति का खसरा नंबर और उसका क्षेत्रफल भी दर्ज करना होगा। खरीद मूल्य और वर्तमान बाजार मूल्य से संपत्ति कब खरीदी गई। उसका मूल्य क्या था और वर्तमान में उसका बाजार भाव क्या है। पुश्तैनी संपत्ति के मामले में यदि संपत्ति पूर्वजों से मिली है, तो उसकी जानकारी भी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। साथ ही यदि प्रदेश (MP) के बाहर संपत्ति है, तो उसकी भी जानकारी अपलोड करानी होगी।

मंत्री स्टाफ के कर्मचारी भी देंगे रिपोर्ट

इसके साथ ही, राज्य मंत्रालय ने तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, सहायक अनुभाग अधिकारियों, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 और अन्य मंत्रालयीन कर्मचारियों (MP Mohan Government Instructions) से भी उनकी संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा 31 दिसंबर 2024 की स्थिति में देना होगा।

(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)

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