MP Vidhan Sabha: एमपी विधानसभा के बजट सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष ने उठाई यह मांग, हैरत में पड़ी विधानसभा

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सदन के अंदर जनता के चुने गए जनप्रतिनिधि क्या बोल रहे हैं और उनकी आवाज उठा रहे हैं या नहीं, इसका सबको पता होना चाहिए।
mp vidhan sabha  एमपी विधानसभा के बजट सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष ने उठाई यह मांग  हैरत में पड़ी विधानसभा

MP Vidhan Sabha Live: भोपाल। विधानसभा में नेता प्रत्यक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि अध्यक्ष नहीं मानते तो वे कोर्ट जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सदन के अंदर जनता के चुने गए जनप्रतिनिधि क्या बोल रहे हैं और उनकी आवाज उठा रहे हैं या नहीं, इसका सबको पता होना चाहिए। यह जानना सबका अधिकार है लेकिन विधानसभा की लाइव कार्यवाही नहीं होती है. इसलिए विधानसभा में होने वाली बहस का लाइव टेलीकास्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ऐसा नहीं करती है, जबकि दूसरे राज्यों में ऐसा हो रहा है। कांग्रेस लाइव स्ट्रीमिंग कराए जाने की मांग करेगी और यदि मांग पूरी नहीं हुई तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।

कहा, सरकार ने नहीं सुना तो कोर्ट में अपील करेंगे

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग को जायज़ ठहराते हुए कहा कि जब दूसरे राज्यों में विधानसभा की लाइव स्ट्रीमिंग होती है तो फिर एमपी विधानसभा क्यों कतरा रही है। इनका कहना है कि यदि उनकी मांग को नहीं सुना गया तो वे कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं कांग्रेस के दो विधायक कोर्ट में याचिका लगाने वाले हैं, जिसमें कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री सचिन यादव और सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल लाइव स्ट्रीमिंग (MP Vidhan Sabha Live) शुरू कराने के लिये कोर्ट की शरण लेंगे। इसमें विधानसभा के लाइव प्रसारण की मांग रखी जाएगी, इस संबंध में कांग्रेस ने विधि विशेषज्ञों से सलाह भी ली है।

विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

उमंग ने इस मामले में एमपी विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने लाइव टेलीकास्ट की मांग की है। दरअसल एमपी में लंबे समय से विधानसभा की कार्यवाही को लाइव करने की मांग चल रही है। उल्लेखनीय है कि यूपी, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभाओं की कार्यवाही लाइव देखी जा सकती है, लेकिन एमपी में लाइव टेलीकॉस्ट नहीं किया जाता है। मध्य प्रदेश विधानसभा (MP Vidhan Sabha Live) को ई-विधान में बदलने की कवायद लंबे समय से चल रही है लेकिन अभी तक बजट का रोना है। ई विधान के मुताबिक सदन के अंदर हर टेबल पर टैबलेट लगाया जाएगा। हालांकि इसमें हर साल का बजट 15 से 20 लाख रुपए अलग से होगा। गुजरात, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की विधानसभा में ई-विधान है यानी पूरा काम डिजिटल होता है। ऐसे में अब मध्य प्रदेश विधानसभा में भी इस परिपाटी को शुरू किया जा सकता है।

(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)

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