Virupaksha Temple: रतलाम में है भूल-भुलैया वाला शिव मंदिर, प्रसाद की खीर खाने से होती है संतान प्राप्ति

हम आप को ऐसे प्राचीन शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिस मंदिर के स्तंभों की सही गिनती नहीं की जा सकती है। साथ ही महाशिवरात्रि के बाद निःसंतान दम्पतियों को खीर का प्रसाद खिलाया जाता है, जिससे उन्हें संतान प्राप्त होती है।
virupaksha temple  रतलाम में है भूल भुलैया वाला शिव मंदिर  प्रसाद की खीर खाने से होती है संतान प्राप्ति

Virupaksha Temple Ratlam: रतलाम। ऐसे तो देश में कई चमत्कारी शिव मंदिर स्थित हैं लेकिन आज हम आप को ऐसे प्राचीन शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिस मंदिर के स्तंभों की सही गिनती नहीं की जा सकती है। साथ ही महाशिवरात्रि के बाद निःसंतान दम्पतियों को खीर का प्रसाद खिलाया जाता है। यहां मिलने वाला खीर का प्रसाद खाने के बाद निःसंतान दम्पतियों को संतान की प्राप्ति होती है।

विरुपाक्ष महादेव के नाम से प्रसिद्ध है यह मंदिर

रतलाम जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बिलपांक गांव में विरुपाक्ष महादेव का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर दर्शन करने लाखों श्रद्धालु आते हैं। महाशिवरात्रि के अगले दिन यज्ञ पूर्णाहुति के साथ विशेष खीर का वितरण भी किया जाता है। इस प्रसाद को लेकर श्रद्धालुओं में मान्यता है कि जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति में बाधा है, उन्हें इस प्रसाद को खाने के बाद संतान की प्राप्ति होती है और उनकी सूनी गोद भर जाती है।

virupaksha temple Ratlam or Bhool Bhulaiyaa Temple

विरुपाक्ष महादेव मंदिर का ऐसा है इतिहास

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार विरुपाक्ष मंदिर (Virupaksha Temple Ratlam) का निर्माण परमार राजाओं ने करवाया था। मंदिर का नाम भगवान शिव के ग्यारह रुद्र अवतारों में से पांचवें रुद्र अवतार, विरूपाक्ष के नाम पर रखा गया है। कुछ मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर त्रेतायुग का है और यहां भगवान राम और लक्ष्मण ने भी आकर भगवान शिव की उपासना की थी। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना ऋषि विरुपाक्ष ने की थी, इसलिए इसे विरुपाक्ष महादेव मंदिर कहा जाता है।

अद्भुत है मंदिर की वास्तुकला

वास्तुकला की दृष्टि से यह मंदिर बहुत ही अद्भुत है। मंदिर के चारों कोनों पर चार मंडप बनाए गए हैं, जिनमें भगवान गणेश, देवी पार्वती और सूर्य भगवान की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर के सभी 64 खंभों पर की गई नक्काशी देखने योग्य है। इस प्राचीन विरूपाक्ष महादेव मंदिर के अंदर 34 खंभों का एक मंडप है और सभी चारों कोनों पर, खंभों की गिनती 14-14 बनती है जबकि 8 खंभे अंदर गर्भगृह में हैं। ऐसे में एक बार में इन खंभों की सही गिनती करना मुश्किल है। यहां 5.20 वर्गमीटर के गर्भगृह में पीतल की चद्दर से आच्छादित 4.14 मीटर परिधि वाली जलाधारी व 90 सेमी ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। मंदिर में कुल 64 स्तंभ (खंभे) हैं, लेकिन भुल भुलैया (Bhool Bhulaiyaa Temple Ratlam) जैसी संरचना होने के कारण इनकी गिनती एक बार में कोई नहीं कर सकता।

Bhool Bhulaiyaa Temple

विरुपाक्ष मंदिर में मिलने वाली खीर के लिए लगती है भारी भीड़

विरुपाक्ष महादेव मंदिर (Virupaksha Temple Ratlam) में मिलने वाली खीर को खाने के लिए महाशिवरात्रि से पहले ही भक्तों को जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यहां श्रद्धालु आने शुरू हो गए हैं और सभी शिवरात्रि के अगने दिन खीर प्रसाद लेकर यहां से वापस लौटेंगे। बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पहुंच रही हैं। बता दें कि इस प्रसाद को खाने के बाद जिन्हें संतान की प्राप्ति होती है, वह बच्चे के वजन के बराबर मंदिर में प्रसाद चढ़वाकर यहां वितरित करते हैं।

एक बार में नहीं गिन सकते मंदिर के खंभे

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भी बड़ा अद्‌भुत और चमत्कारी है। 64 खंभों वाले इस मंदिर में खंभों की गिनती की भूल भुलैया ऐसी है कि इन्हें एक बार मे कोई नही गिन सकता। इस वजह से इसे भूल भुलैया मंदिर (Bhool Bhulaiyaa Temple Ratlam) भी कहा जाता है। मंदिर निर्माण की इस प्राचीन निर्माण तकनीक को देखने के लिए भी श्रद्धालु साल भर यहां आते हैं। वहीं फिलहाल इस महादेव मंदिर (Virupaksha Temple Ratlam) में हवन चल रहा है और इस हवन की आहुतियों की ज्वाला में चमत्कारी खीर का प्रसाद तैयार हो रहा है जो महाशिवरात्रि के दूसरे दिन निःसंतान दम्पतियों को वितरित किया जायेगा।

(रतलाम से राजेश पुरोहित की रिपोर्ट)

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