Kundaliya Dam MP: कुंडालिया बांध में गांव विस्थापन में घोटाला, 9 लोकसेवकों सहित 107 लोगों पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के आगर-मालवा ओर राजगढ़ जिले के बीच कालीसिंध नदी पर कुंडालिया बांध के निर्माण से राजगढ़ जिले के सारंगपुर, खिलचीपुर एवं जीरापुर तथा आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा एवं सुसनेर विकास खण्ड में कुल 1,30,639 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी।
kundaliya dam mp  कुंडालिया बांध में गांव विस्थापन में घोटाला  9 लोकसेवकों सहित 107 लोगों पर केस दर्ज

Kundaliya Dam MP: उज्जैन। मध्य प्रदेश के आगर-मालवा ओर राजगढ़ जिले के बीच कालीसिंध नदी पर कुंडालिया वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण किया गया है। परियोजना की स्वीकृत लागत लगभग 3448 करोड़ रुपए है। इस परियोजना से राजगढ़ जिले के सारंगपुर, खिलचीपुर एवं जीरापुर तथा आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा एवं सुसनेर विकास खण्ड में कुल 1,30,639 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। कुंडालिया डैम से राजगढ़ और आगर जिले के कुल 419 गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसमें राजगढ़ जिले के 208 गांव और आगर जिले के 146 गांव शामिल हैं।

बांध से हजारों किसानों को हुआ फायदा, लेकिन भ्रष्टाचार भी हुआ

इस बांध से हजारों किसानों को फायदा हुआ है। बांध निर्माण होने के बाद पानी पर्याप्त होने की वजह से किसानों की फसलों का भी उत्पादन बड़ा है लेकिन एक खबर यह भी है कि बांध के लिए जमीन अवाप्ति और मुआवजा वितरण में भ्रष्टाचार हुआ है। अब इस मामले को लेकर उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

कुल इतने अधिकारियों और लोगों पर हुआ प्रकरण दर्ज

इस पूरे प्रकरण में लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन ने 9 लोक सेवकों सहित कुल 107 लोगों पर मामला दर्ज किया है। लोकायुक्त उज्जैन द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार लोकायुक्त की प्राथमिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके अनुसार कुंडालिया बांध (Kundaliya Dam MP) निर्माण के समय तहसील नलखेड़ा के ग्राम भण्डावद मे बांध निर्माण हेतु गांव का विस्थापन किया जाना था जिसके अंतर्गत ऐसे परिवार जिनमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के पुरूष एवं 18 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को विस्थापन हेतु 5 लाख रुपए विशेष पुनर्वास भत्ता दिया जाना था।

दस्तावेजों की समुचित जांच के बिना दिया गया मुआवजा

इसके लिए हितग्राहियों द्वारा किये गये आवेदनों के साथ संलग्न पहचान एवं उम्र संबंधी आवश्यक दस्तावेजों की जांच, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की संयुक्त कमेटी द्वारा की जानी थी किंतु ग्राम भण्डावद के हितग्राहियों के अभिभावकों द्वारा अपने 18 वर्ष से कम उम्र के अवयस्क बच्चों के आवेदन पत्र के साथ पहचान एवं उम्र संबंधी दस्तावेज जैसे- अंक सूची, आधार कार्ड, आदि में काट-छाट कर अवयस्क बच्चों को वयस्क दर्शाकर उक्त कमेटी के अधिकारियों, बिचौलियों के साथ सांठ-गांठ कर नियमों के विरूद्ध जा कर पांच-पांच लाख रुपयों का गैरकानूनी लाभ दिया गया।

इन धाराओं में दर्ज हुआ प्रकरण

उक्त दस्तावेजों की जांच कमेटी द्वारा समुचित रूप से नहीं की गई जिसके कारण कुंडालिया डैम (Kundaliya Dam MP) विस्थापन के विशेष पुनर्वास भत्ता के तहत् आपात्र/ अवयस्क हितग्राहियों को अवैध रूप से 5.85 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ जिसके चलते शासन को वित्तीय क्षति उठानी पड़ी। इसलिए 9 लोक सेवक, बिचौलिए एवं हितग्राहियों सहित कुल 107 लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन धिनियम 2018) की धारा – 7 ब 13 (1) 13 (2) भ्र0नि0 अधि0 1988 (संशोधन 2018) एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है।

(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)

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