Baba Mahakal Holi: होली पर रंगों से सराबोर हुए बाबा महाकाल, हर्बल गुलाल लगाकर पुजारियों ने की पूजा अर्चना
Baba Mahakal Holi: उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (शुक्रवार) को सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। आज होली पर्व पर बाबा महाकाल रंगों से सराबोर रहे। भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर होली की शुरुआत की हुई। सबसे पहले बाबा महाकाल को पण्डे, पुजारी गुलाल अर्पित कर घुलंडी पर्व की शुरुआत करते है।
पंचामृत से अभिषेक कर लगाया फल और मिष्ठान्न का भोग
बाबा महाकाल को ॐ, त्रिपुंड अर्पित कर उनका श्रृंगार किया गया। इसके बाद पुजारियों ने महाकाल को रंग लगाकर आरती की। आज होली (Baba Mahakal Holi) पर भगवान महाकाल का सबसे पहले जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। बाबा महाकालेश्वर मस्तक पर भांग,चन्दन ओर त्रिपुंड अर्पित कर दिव्य रूप में अद्भुत श्रृंगार किया गया। महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। बाबा को फल और मिष्ठान्न का भोग लगाया गया।
बाबा महाकाल और नंदी को अर्पित की हर्बल गुलाल
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में होने वाली भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। पुजारियों ने नंदी को भी गुलाल (Baba Mahakal Holi) अर्पित किया और नंदी हॉल में बैठे लोगों को भी गुलाल दिया। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान श्री महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।
(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)
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