Datia Hatyakand 2003: सामूहिक हत्याकांड मामले में 21 साल बाद मिला न्याय, आरोपियों को मिला आजीवन कारावास
Datia Hatyakand 2003: दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में 2003 में हुए बहुचर्चित सामूहिक नरसंहार मामले में कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है। अपर सत्र न्यायालय ने 21 वर्ष बाद इस मामले में 13 आरोपियों को 120बी का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और दस वर्ष की सजा से दंडित किया है। सजा पाने वालों में दो भाजपा नेता भी हैं जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है।
कुल 13 आरोपियों को सुनाई गई सजा
कोर्ट ने अपने फैसले में महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, राकेश सिंह, बनमाली, बरजोर सिंह, अतर सिंह, विसम्बर सिंह उर्फ बलदाऊ यादव, मुन्ना यादव, रघुवीर यादव, भूरे यादव और मुकेश यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि राकेश और दौलत सिंह को दस-दस वर्ष की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वाले आरोपियों में मुकेश यादव और बलदाऊ यादव आपस में जीजा-साले होने के साथ-साथ भाजपा नेता भी हैं। बलदाऊ यादव भांडेर जनपद अध्यक्ष के पति है एवं बलदाऊ के पिता को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस मामले (Datia Hatyakand 2003 में कुल 17 आरोपी थे जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और दो अभी भी फरार चल रहे हैं।
पूरे देश में गूंजा था सामूहिक हत्याकांड का यह मामला
मध्य प्रदेश के दतिया में 21 साल पूर्व महेश यादव ने अपने साथियों के साथ राजगढ़ चौराहा के पास युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भैया राजा बुंदेला और उनके साथियों को घेर कर उन पर हथियारों से सौ से अधिक फायर किए थे। हालांकि राजा बुंदेला के साथ भी हथियारबंद बदमाश थे परंतु अचानक हुई इस गोलीबारी में संभल नहीं पाए। अंधाधुंध की गई इस फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी जबकि सात लोग घायल हो गए थे। सरेआम हुए इस हत्याकांड (Datia Hatyakand 2003) ने तब पूरे मध्य प्रदेश को हिला कर रख दिया था। उस समय पूरे देश में इस मामले पर चर्चा हो रही थी।
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