Gwalior Collector Order: जिला कलेक्टर के फर्जी आदेशों से सरकारी जमीन हड़पने की साजिश, ऐसे हुआ खुलासा
Gwalior Collector Order: ग्वालियर। ग्वालियर में भू-माफियाओं के हौंसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसे ही एक चौंकाने वाले मामले में भूमाफिया ने जिला कलेक्टर रुचिका चौहान के फर्जी हस्ताक्षर करके 20 बीघा सरकारी जमीन हड़पने की साजिश रच डाली। साजिश के तहत कलेक्टर का फर्जी आदेश भी तैयार कर दिया गया और उसे पर आगे की पूरी प्लानिंग भी तैयार कर ली गई लेकिन यहां पर पटवारी की समझदारी से यह धोखाधड़ी उजागर हो गई और जमीन हड़पने का यह प्रयास नाकाम हो गया। धोखाधड़ी का यह पूरा मामला ग्वालियर की ग्राम जिरेना का है। यहां पर 3 दिन की प्रारंभिक जांच के बाद जिला कलेक्टर ने अपने रीडर लोकेश गोयल की शिकायत पर थाना विश्वविद्यालय पुलिस को धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है।
कलेक्टर के फर्जी आदेशों से किए 20 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर के रीडर लोकेश गोयल ने थाना विश्वविद्यालय में कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर वाला पत्र भी जांच के लिए सौंपा है जिसमें आदेश के वायरल होने का भी उल्लेख किया गया है। इस फर्जी आदेश के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। रीडर के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा न्यायालय के नाम और हस्ताक्षर का दुरुपयोग करते हुए कलेक्टर के फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर ग्राम गिरना की सर्वे नंबर 528, 529, 111 सहित 20 बीघा सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। रीडर ने यह भी जानकारी दी कि इस सरकारी जमीन को हड़पने के लिए प्रताप सिंह, गब्बर सिंह और अन्य लोगों की भी सांठगाठ थी। इसमें न्यायालय में प्रकरण का भी उल्लेख किया गया है। यह आदेश भी फर्जी तरीके से तैयार किया गया था।
पत्र की भाषा से हुआ संदेह, जांच में पता चली पूरी बात
जांच में यह भी पता चला कि 31 दिसंबर 2024 को आदेश पारित किया जा चुका था। गोयल ने पुलिस को बताया कि न्यायालय, कलेक्टर (Gwalior Collector Order) और पक्षकार के नाम से जारी आदेश फर्जी है। आदेश में ऐसी भाषा का उपयोग किया गया है जो न्यायालय कार्य में इस्तेमाल नहीं की जाती है। वहीं फर्जी आदेश पत्र में ऊपर 20 दिसंबर और नीचे 25 दिसंबर 2024 की तारीख भी लिखी हुई है। इसी आधार पर पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की
आपको बता दें कि यह आदेश प्रताप सिंह और गब्बर सिंह माहौर ग्राम गिरना के पक्ष में बनाया गया था। इन दोनों का गांव की 20 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा है। जादिरुआ के ही एक व्यक्ति ने उक्त जमीन उनके नाम करने की बात कही थी। पुलिस ने इस व्यक्ति के पिता को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। उससे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। विश्वविद्यालय थाना पुलिस द्वारा कलेक्टर (Gwalior Collector Order) के रीडर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस पूरे प्रकरण के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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