Gwalior News: वन विभाग की जमीन पर थाना प्रभारी की पत्नी ने बनाया रेस्टोरेंट, बैकफुट पर आई पुलिस

Gwalior News: ग्वालियर में वन विभाग की जमीन (Forest Department Land) पर एक थाना प्रभारी की पत्नी के द्वारा रेस्टोरेंट बनाने का मामला सामने आया है। मामला सामने आते ही वन विभाग की टीम हरकत में आई है और उसने...
gwalior news  वन विभाग की जमीन पर थाना प्रभारी की पत्नी ने बनाया रेस्टोरेंट  बैकफुट पर आई पुलिस

Gwalior News: ग्वालियर में वन विभाग की जमीन (Forest Department Land) पर एक थाना प्रभारी की पत्नी के द्वारा रेस्टोरेंट बनाने का मामला सामने आया है। मामला सामने आते ही वन विभाग की टीम हरकत में आई है और उसने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में थाना प्रभारी के परिवार का नाम सामने आने के बाद पुलिस भी बैकफुट पर आ गई है। आइए पूरे मामले पर प्रकाश डालते हैं।

यह मामला घाटीगांव तहसील के दोरार गांव का है। जहां प्रियंका शर्मा नाम की महिला ने एक रेस्टोरेंट का निर्माण कर लिया। प्रियंका के पति विनय शर्मा इंदौर में थाना प्रभारी के पद पर तैनात हैं। वन विभाग की जमीन पर रेस्टोरेंट निर्माण की जानकारी लगते ही विभाग की टीम मौके पर पहुंची। विभाग ने रेस्टोरेंट पर बेदखली का आदेश चस्पा कर दिया है और 7 दिन के अंदर होटल को खाली करने का आदेश दिया गया है।

नोटिस मिलते ही कोर्ट पहुंची थाना प्रभारी की पत्नी

वन विभाग द्वारा नोटिस चस्पा किए जाने के तुरंत बाद ही प्रियंका भी एक्शन मोड में आ गई। प्रियंका ने जिला कोर्ट में तत्काल सुनवाई का आवेदन लगाया। हालांकि, उनके आवेदन को खारिज कर दिया। इसके बाद भी प्रियंका ने हार नहीं मानी और वह नोटिस पर स्टे लगाने के लिए कोर्ट से मांग की। फिलहाल इस मामले में प्रियंका को किसी प्रकार की राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

इस मामले में शिकायतकर्ता संकेत साहू का कहना है कि घाटीगांव तहसील के गांव दोरार के सर्वे नंबर 1221 पर प्रियंका शर्मा पत्नी विनय शर्मा ने मुन्ना गुप्ता से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र से 9 फरवरी, 2019 को जमीन खरीद ली थी। जिसके बाद प्रियंका ने सीमांकन के लिए नायब तहसीलदार घाटीगांव को आवेदन दिया था। सीमांकन के दौरान यह जमीन वन विभाग की निकली। सीमांकन करने के बाद तत्कालीन तहसीलदार घाटीगांव के साथ मिलकर नामांतरण और डायवर्सन भी कर लिया। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने खसरे में अपना नाम चढ़ाया और उसके बाद भूमि पर मधुबन रेस्टोरेंट बनाने के लिए चारों तरफ लोहे की तार फेंसिंग लगवा दी।

उसके बाद 2019 को वन भूमि पर कब्जा करने को लेकर प्रियंका शर्मा पर मामला भी दर्ज किया गया। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई जो खारिज कर दी गई। फिर जिला कोर्ट में दावा किया जिसमें शासन की ओर से 3 महीने से ज्यादा समय होने पर पक्ष पेश किया गया तो स्टे मिल गया। इसके बाद कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर प्रियंका शर्मा का दावा खारिज कर जमीन को वन भूमि ही माना गया। इस मामले को लेकर डीएफओ अंकित पांडे का कहना है कि सात दिन का समय खाली करने के लिए दिया गया है उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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