Police Brutality in Gwalior: ग्वालियर पुलिस ने ऑटो चालक को पेशाब पिलाया, जानवरों की तरह पीटा और पैर तोड़ा
Police Brutality in Gwalior: ग्वालियर से पुलिस की बर्बरता का एक बेरहम चेहरा सामने आया है। पुलिस ने एक गरीब ऑटो चालक को केवल शक के आधार पर जमकर टॉर्चर किया। पुलिस ने उसे इतना मारा कि उसका पैर तक टूट गया। इतने से भी पुलिस का मन नहीं भरा तो उसे पेशान पिलाकर उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया। पुलिस के थर्ड डिग्री टॉर्चर के निशान इस ऑटो कर्मी के पूरे शरीर पर अंकित हैं। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
क्या है पूरा मामला?
भिंड के सर्राफा कारोबारी अमन बंसल की कार से 17 जून की रात ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र के रेसकोर्स रोड पर 15 लाख रुपए का गहनों से भरा बैग चोरी हो गया था। अमन बंसल ने इस चोरी की शिकायत पुलिस थाने में कर दी। पुलिस ने जब इस मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उन्हें इंदरगंज चौराहे के कुछ ऑटो चालक संदिग्ध दिखाई दिए। पुलिस को कुछ ऑटो चालकों पर चोरों से लिंक होने का शक था।
शक के आधार पर ही पड़ाव थाना पुलिस ने ऑटो चालक सोनू शिवहरे उर्फ दीपक को थाने बुलाया। पुलिस ने उसे फोटो दिखाकर सोना चोरी करने को लेकर पूछताछ की। जब उसने चोरी से इनकार किया तो उसे हवालात में बंद कर रात डेढ़ बजे तक अमानवीय तरीके से पीटा गया। फिर उसे छोड़ दिया गया। 24 जून को आरक्षक संजीव यादव ने फिर पूछताछ के लिए बुलाया। इसके बाद पुलिस ने दीपक को थाटीपुर ले जाकर क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया।
जानवरों जैसी बर्बरता
वहां क्राइम ब्रांच और पड़ाव थाना पुलिस ने दीपक जमीन पर उलटा लिटाकर पट्टों से जमकर पीटा। इतने से ही पुलिस की मन नहीं भरा तो दीपक को जबरन पेशाब पिलाई गई। इसके बाद भी पुलिसकर्मी उसे लगातार मारते रहे। उसके एक पैर पर तो डंडे से इतने प्रहार किए गए कि उसकी हड्डी तक टूट गई। पुलिस ने इतनी बर्बरता के बाद उसे घायल अवस्था में ही वहां छोड़ दिया और चले गए।
पीड़ित दीपक ने क्या कहा?
पुलिसिया बर्बरता के शिकार दीपक अब चलने तक की हालत में नहीं हैं। वह टूटे पैर के साथ बिस्तर पर लेटे रहने को मजबूर हैं। दीपक ने कहा कि जब पुलिस को चोरी का कोई सबूत नहीं मिला तो झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे। दीपक ने बताया कि पुलिस ने उसके साथ ऑटो चालक निखिल और आकाश को भी पकड़ा था। इन लोगों के भी पुलिस ने जमकर पीटा था।
मामला दबाने में जुटी पुलिस
इस अमानवीय कृत्य के उजागर होने के बाद अब पुलिस को अपनी छवि की चिंता सताने लगी है। यह मामला पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव तक पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में एडिशनल एसपी से जांच कराने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
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