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Raisen Liquor Factory Case : सोम डिस्टलरीज मामले में बड़ी कार्रवाई, बाल आयोग जाएगा सुप्रीम कोर्ट की शरण में

Raisen Liquor Factory रायसेन: रायसेन जिले की मंडीदीप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पुलिस के साथ मिलकर सोम डिस्टलरीज (Raisen Liquor Factory) शराब फैक्ट्री में छापा मारकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था।...
10:47 AM Jun 17, 2024 IST | Pavan Dwivedee

Raisen Liquor Factory रायसेन: रायसेन जिले की मंडीदीप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पुलिस के साथ मिलकर सोम डिस्टलरीज (Raisen Liquor Factory) शराब फैक्ट्री में छापा मारकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस शराब की फैक्ट्री में करीब 58 बच्चों से 16 से 17 घंटे बाल मजदूरी कराई जा रही थी। बच्चों को स्कूल बसों में भरकर फैक्ट्री (Raisen Liquor Factory) लाया जाता था। इन बच्चों में लड़के-लड़कियां दोनों शामिल थे। इस घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सख्त एक्शन लेते हुए 4 अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए थे।

4 अधिकारियों को किया गया निलंबित
जांच में लापरवाही के कारण मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर प्राथमिक रूप से प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर, आबकारी उप निरीक्षक प्रीति उइके, शेफाली शर्मा और मुकेश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में आबकारी विभाग के बाद श्रम विभाग ने भी बड़ी कार्रवाई की है।

58 बच्चों से कराई जा रही थी बाल मजदूरी
एमपी फर्स्ट से खास बातचीत के दौरान बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि जब बाल आयोग की टीम ने छापेमारी की तब देखा कि फैक्ट्री (Raisen Liquor Factory) में बच्चों से शराब की बॉटल भरवाई जा रही थी, जिसमें नाबालिग लड़कियों से भी ये काम कराया जा रहा था।

सोम डिस्टलरीज के मालिक को बचाने का प्रयास किया गया
फैक्ट्री में काम कर रहे बच्चों के हाथ जल गए थे। जब आयोग ने बच्चो को रेस्क्यू किया तो बच्चों को प्रशासन की देखरेख में रखा गया, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों की सोम डिस्टलरीज (Raisen Liquor Factory) के मालिक से मिलीभगत के चलते उन बच्चों को लापता करा दिया गया। जब आयोग FIR दर्ज कराने पहुंचा तो मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर सोम डिस्टलरीज के मालिक को बचाने का प्रयास किया गया।

सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएगा बाल आयोग
बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि प्रशासन सुन नही रहा, मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग के अधिकारियों पर करवाई की है, लेकिन रायसेन पुलिस की मिलीभगत के चलते आयोग को अब सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है।

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