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Shri Narayana Ashtakam : गुरुवार के दिन इस पाठ को करने का हैं बहुत महत्व, भगवान विष्णु प्रसन्न होकर हर मनोकामना करेंगे पूरी

Shri Narayana Ashtakam : हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन का बहुत खास महत्व होता है। यह दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कुछ लोग तो अपने जीवन...
06:26 AM Aug 29, 2024 IST | Jyoti Patel
Shri Narayana Ashtakam

Shri Narayana Ashtakam : हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन का बहुत खास महत्व होता है। यह दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कुछ लोग तो अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए बृहस्पतिवार का व्रत करते हैं। गुरुवार के व्रत के दौरान कथा सुनने के बाद अगर आप नारायण आष्टकम का पाठ करते हैं , तो इससे भगवान विष्णु आप पर कृपा बरसाते हैं।इतना ही नहीं यह पाठ करने से लंबे समय से चल रही आपकी परेशानी दूर होती हैं। गुरूवार के दिन यह पाठ करने से आपको मानसिक शांति भी मिलती हैं।

इस पाठ को करने के लिए सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहने, फिर भगवान विष्णु की पूजा करके दीपक जलाएं इसके बाद, शांत और अच्छे मन से भगवान को याद करते हुए यह पाठ करें। ऐसा करने से भगवान जरूर प्रसन्न होंगे।

श्री नारायणाष्टकम्
वात्सल्यादभयप्रदानसमयादार्तार्तिनिर्वाणा दौदार्यादघशोषणादगणितश्रेय: पदप्रापणात् ।

सेव्य: श्रीपतिरेक एव जगतामेतेऽभवन्साक्षिण: प्रहलादश्च विभीषणश्च करिराट् पांचाल्यहल्या ध्रुव” ।।1।।

प्रहलादास्ति यदीश्वरो वद हरि: सर्वत्र मे दर्शय स्तम्भे चैवमिति ब्रुवन्तमसुरं तत्राविरासीद्धरि: ।

वक्षस्तस्य विदारयन्निजनखैर्वात्सल्यमापादयन्नार्तत्राणपरायण: स भगवान्नारायणो मे गति: ।।2।।

श्रीरामात्र विभीषणोऽयमनघो रक्षोभयादागत: सुग्रीवानय पालयैनमधुना पौलस्त्यमेवागतम् ।

इत्युक्त्वाभयमस्य सर्वविदितं यो राघवो दत्तवानार्त ।।3।।

नक्रग्रस्तपदं समुद्धतकरं ब्रह्मादयो भो सुरा: पाल्यन्तामिति दीनवाक्यकरिणं देवेश्वशक्तेषु य: ।

मा भैषीरिति यस्य नक्रहनने चक्रायुध: श्रीधर । आर्त ।।4।।

भो कृष्णाच्युत भो कृपालय हरे भो पाण्डवानां सखे क्वासि क्वासि सुयोधनादपह्रतां भो रक्ष मामातुराम् ।

इत्युक्तोऽक्षयवस्त्रसंभृततनुं योऽपालयद्द्रौपदीमार्त ।।5।।

यत्पादाब्जनखोदकं त्रिजगतां पापौघविध्वंसनं यन्नामामृतपूरकं च पिबतां संसारसंतारकम् ।

पाषाणोऽपि यद्न्घ्रिपद्मरजसा शापान्मुनेर्मोचित । आर्त ।।6।।
पित्रा भ्रातरमुत्तमासनगतं चौत्तानपादिर्ध्रुवो दृष्ट्वा तत्सममारूरुक्षुरधृतो मात्रावमानं गत: ।

यं गत्वा शरणं यदाप तपसा हेमाद्रिसिंहासनमार्त ।।7।।

आर्ता विषन्णा: शिथिलाश्च भीता घोरेषु च व्याधिषु वर्तमाना: ।

संकीत्र्य नारायणशब्दमात्रं विमुक्तदु:खा: सुखिनो भवन्ति ।।8।।

नारायण आष्टक पाठ करने के फायदे

- नियमित रूप से भगवान का पाठ करने से मन को शांति और आध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है।
- इस पाठ को करने से कष्टों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- इस पाठ से पापों का नाश होता है।
- यह पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में धन और समृद्धि का आगमन होता है।

 

 

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