एमपी के इस गांव में धुलंडी के अगले दिन खेला जाता है रंग, होली के दिन मनाया जाता है मातम
Choli Village in MP: रंगों का त्योहार होली आमतौर पर खुशी और जश्न से जुड़ा होता है, लेकिन मध्य प्रदेश के चोली गांव में यह त्योहार एक अनोखे तरीके से मनाया जाता है। अन्य जगहों से अलग जहां होली रंगों और उत्साह के साथ मनाई जाती है, चोली गांव (Choli Village in MP) में होली के दिन शोक मनाया जाता है और धुलंडी के एक दिन बाद रंगों से खेला जाता है। इस दुर्लभ परंपरा का गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।
होली के दिन चोली गांव में मनाया जाता है शोक
मध्य प्रदेश के खरगोन से लगभग 59 किमी दूर चोली गांव के लोग होलिका दहन या धुलंडी के दिन (Choli Village in MP) होली नहीं मनाते हैं। इसके बजाय, वे शोक मनाते हैं, रंगों से खेलने, नाचने या किसी भी तरह से जश्न मनाने से परहेज करते हैं। यह सदियों पहले हुई एक दुखद ऐतिहासिक घटना के कारण है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में होलिका दहन के दौरान एक दुखद घटना हुई थी जिसमें कई ग्रामीणों की जान चली गई थी। तब से, सम्मान और याद के प्रतीक के रूप में, ग्रामीण होली के दिन शोक मनाते हैं।
धुलंडी के बाद खेलते हैं होली
होली (Holi 2025) आमतौर पर पूरे भारत में धुलंडी (होलिका दहन के अगले दिन) पर मनाई जाती है, लेकिन चोली गांव के लोग अपने उत्सव को एक दिन के लिए टाल देते हैं। अगले दिन, वे परिवार और दोस्तों के साथ गुलाल और रंगों से खेलते हैं। समूहों में इकट्ठा होकर लोकगीत गाते हैं और पारंपरिक तरीके से नृत्य करते हैं। सामुदायिक दावतों में भाग लेते हैं, जिससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं। देरी से मनाया जाने वाला उत्सव अतीत के दुखों को याद करने और खुशी को गले लगाने के बीच संतुलन को दर्शाता है, जो इसे एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा बनाता है।
इस अनूठी होली परंपरा का महत्व
होली पर शोक मनाकर, ग्रामीण उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने पिछली त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी। यह परंपरा सामुदायिक बंधनों को मजबूत करती है, क्योंकि हर कोई शोक और उत्सव दोनों में भाग लेता है। चोली गांव में होली मनाने का विशिष्ट तरीका एक ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करता है, जो इसे मुख्यधारा के होली उत्सवों से अलग बनाता है। पहले शोक मनाने और बाद में जश्न मनाने की यह दुर्लभ होली परंपरा चोली गांव के लोगों की भावनाओं और मूल्यों की गहराई को दर्शाती है, जो उनके उत्सव को वास्तव में अनूठा बनाती है।
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