Pitru Paksha 2024 :पितृ पक्ष में ये गलतियां करना पड़ सकता है भारी, लग सकतें हैं उल्टे दिन
Pitru Paksha 2024: जैसा की हम सभी जानते हैं, हिन्दू धर्म में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। जो की अमावस्या तक चलता है। पितृ पक्ष में हम हमारे पूर्वजो जो इस दुनिया में नहीं हैं उनके लिए तर्पण, दान, पिंडदान, श्राद्ध कर्म करते हैं। ऐसा कहा जाता है की पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शान्ति मिलती है। लेकिन इसके साथ-साथ हमे श्राद्ध पक्ष में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमे पितृ पक्ष में तुलसी से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस समय पितृ पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने परिजनों के द्वारा किए गए श्राद्ध कर्म से तृप्त होते हैं। कहा जाता है ऐसा करने से पितरों को मुक्ति की प्राप्ति होती है। इस साल पितृ पक्ष 17 से शुरू हो रहें हैं। आज हम आपको तुलसी पूजा के नियमों के बारेने में बताएँगे, जिनका पितृपक्ष में पालन करना बहुत जरुरी है।
तुलसी पूजा
ऐसा कहा जाता है, कि पितृपक्ष में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है। अगर आप पितृपक्ष में तुलसी पूजा नहीं करतें हैं, तो इससे आपके पितृ नाराज हो सकतें हैं। लेकिन इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि जो व्यक्ति घर में तुलसी पूजा करता है उसे श्राद के कार्यो से दूर रहना चाहिए।
तुलसी से रहें दूर
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के दौरान तुलसी को छूना वर्जित माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का अलग स्थान है, तुलसी को हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए बिना स्नान किये उसे नहीं चुना चाहिए। इसके अलावा घर में साफ सफाई के स्थान पर तुलसी को स्थापित करे और इसकी पूजा पाठ करें।
नहीं तोड़नी चाहिए तुलसी की पत्तियां
पितृपक्ष में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा कहा जाता है अगर श्राद्ध पक्ष में तुलसी की पत्तियां तोड़ने से पितृ नाराज हो सकतें हैं। जिसके कारण पितृदोष लगने का भी रहता है।
तुलसी उपाय
पितृपक्ष में तुलसी की माला पहनना शुभ माना जाता है। पितृपक्ष में तुलसी की पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है। लेकिन इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें की श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को तुलसी की पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए।