मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

Sankashti Chaturthi 2025: इस दिन है द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, जानिए पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

Sankashti Chaturthi 2025: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो फाल्गुन महीने में मनाया जाता है।
11:23 AM Feb 08, 2025 IST | Preeti Mishra

Sankashti Chaturthi 2025: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस वर्ष में यह शुभ दिन 16 फरवरी, रविवार को पड़ेगा। इस दिन भक्त विघ्नहर्ता भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi 2025) का आशीर्वाद पाने के लिए दिन भर का उपवास रखते हैं और विशिष्ट अनुष्ठान करते हैं।

शुभ समय

चतुर्थी तिथि आरंभ: 15 फरवरी 2025, रात 11:52 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 17 फरवरी 2025, प्रातः 2:15 बजे
चंद्रोदय का समय: 16 फरवरी 2025, रात 9:39 बजे

पूजा विधि और संकल्प

दिन की शुरुआत जल्दी उठकर करें, अधिमानतः ब्रह्म मुहूर्त के दौरान (लगभग 4:00 पूर्वाह्न से 6:00 पूर्वाह्न तक)।
स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा क्षेत्र को गंगा जल या साफ पानी छिड़क कर शुद्ध करें।
एक चौकी स्थापित करें और उसे लाल या पीले कपड़े से ढक दें।
तैयार मंच पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें।
हाथ जोड़कर, ईमानदारी और भक्ति के साथ व्रत का पालन (Sankashti Chaturthi 2025) करने का संकल्प लें, बाधाओं को दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद मांगें।

पूजन विधि

भगवान के सामने घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
भगवान गणेश को ताजे फूल, विशेषकर लाल फूल (Sankashti Chaturthi Importance) और दूर्वा घास की 21 पत्तियां चढ़ाएं।
फलों के साथ मोदक, लड्डू या अन्य मिठाइयां चढ़ाएं ।
गणेश चालीसा और भगवान गणेश को समर्पित अन्य भक्ति भजनों का पाठ करें।
आरती करके और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेकर पूजा समाप्त करें।

व्रत का पालन

भक्त आमतौर पर अनाज और दालों के सेवन से परहेज करते हुए सख्त उपवास रखते हैं।
साबूदाना, फल और डेयरी उत्पादों जैसे उपवास वाले खाद्य पदार्थों की अनुमति है।
पूरे दिन नकारात्मक विचारों और कार्यों से बचते हुए, शांत और शांतिपूर्ण आचरण बनाए रखें।

शाम की पूजा

शाम को दूसरे पहर की पूजा करने के बाद चंद्रोदय का इंतजार करें।
चंद्रमा दिखाई देने पर संबंधित मंत्रों का जाप करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें।
चंद्रमा की पूजा के बाद अर्घ्य और प्रसाद खाकर व्रत का समापन करें।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्व

ऐसा माना जाता है कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करने से भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi 2025 Date) का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। "संकष्टी" शब्द का अनुवाद "परेशान समय के दौरान मुक्ति" है, जो इस विश्वास पर जोर देता है कि भगवान गणेश चुनौतियों पर काबू पाने में भक्तों की सहायता करते हैं। उपसर्ग "द्विजप्रिय" का अर्थ "दो बार जन्मे (ब्राह्मणों) का प्रिय" है, जो ज्ञान और शिक्षा के साथ गणेश के विशेष जुड़ाव के इस रूप को उजागर करता है।

निर्धारित अनुष्ठानों का पालन करके और भक्तिपूर्ण उपवास रखकर, भक्त अपने मन और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं, खुद को भगवान गणेश (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025) की दिव्य ऊर्जाओं के साथ जोड़ते हैं। यह अनुष्ठान न केवल आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है बल्कि अभ्यासकर्ता के जीवन में अनुशासन और भक्ति भी पैदा करता है।

यह भी पढ़ें : Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के व्रत में भूलकर भी ना करें ये 5 काम

Tags :
dharam Karamdharam karam newsdharam karam news in hindidharam karam news in MPDwijapriya Sankashti Chaturthi 2025Sankashti Chaturthi 2025Sankashti Chaturthi 2025 DateSankashti Chaturthi 2025 Shubh MuhuratSankashti Chaturthi ImportanceSankashti Chaturthi Pujan Vidhiद्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article