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Ekadashi 2024 : साल के आखिरी महीने में इस दिन होगी एकादशी, जाने इसके खास महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है। एकादशी का दिन हिन्दू मान्यतों के अनुसार बहुत पावन माना जाता है।
11:37 AM Dec 04, 2024 IST | Jyoti Patel
Ekadashi 2024

Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है। एकादशी का दिन हिन्दू मान्यतों के अनुसार बहुत पावन माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। एकादशी का व्रत करने से जीवन में कभी भी कष्ट नहीं आते हैं और जो भी समस्याएं हैं उनका भी निवारण होता है। ऐसे में अगर आप भी एकादशी का व्रत करना चाहते हैं तो हम आपको बताएँगे दिसंबर के महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी कब पड़ेगी, इन एकादशी का महत्व क्या है और कैसे आप इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को करें प्रसन्न।

मोक्षदा एकादशी

दिसंबर के महीने में दो एकादशी आने वाली है। आपको बता दें, पहली एकादशी 11 दिसंबर 2024, बुधवार के दिन होगी। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, मोक्ष की प्राप्ति के लिए इस एकादशी का व्रत करना बेहद शुभ होता है। ये एकादशी देर रात 3:42 से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 12 दिसंबर को देर रात 1:09 पर होगा, ऐसे में व्रत करने की तिथि 11 दिसंबर और व्रत पारण और दान-पुण्य करने की तिथि 12 दिसंबर को सुबह 7:00 से लेकर 9:00 बजे तक रहेगी।

मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये काम

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
अब घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और विष्णुदेव का गंगाजल अभिषेक करें।
पूजा में भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें और व्रत संकल्प लें।
पूजा अंत में श्री हरि नारायण भगवान की आरती उतारें और भोग अर्पित करें।
भगवान के भोग में तुलसी पत्ता जरूर शामिल करें, इसके बिना भोग ग्रहण न करें।

सफला एकादशी

इस महीने में दूसरी एकादशी 26 दिसंबर यानी गुरुवार के दिन है। इसे सफला एकादशी कहा जाता है। इसकी शुरुआत 25 दिसंबर, 2024 रात 10:29 पर हो जाएगी, वहीं इसका समापन 27 दिसंबर को देर रात 1:43 पर होगा, ऐसे में उदिया तिथि के अनुसार 26 दिसंबर को ही सफला एकादशी का व्रत किया जाएगा. वहीं, व्रत का पारण 27 दिसंबर को सुबह 7:12 से लेकर 9:16 तक किया जा सकता हैं। इस एकादशी के दिन भी पूर्व में बताए गए नियमो का पालन करें। इसके अलावा आप इस मंत्र का जाप भी जरूर करें।

1. ॐ नमो भगवते वसदुदेवाय..

2. श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा..

3. अच्युतम केशवम् कृष्ण दामोदरम राम नारायणम् जानकी वल्लभम्..

4. राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने.

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