Gayatri Jayanti 2024: 17 जून को है गायत्री जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्त्व
Gayatri Jayanti 2024: सोमवार 17 जून 2024 को मनाई जाने वाली गायत्री जयंती, देवी गायत्री को समर्पित है, जिन्हें वेदों की माता और बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।। यह दिन हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है। गायत्री मंत्र (Gayatri Jayanti 2024) हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली और पूजनीय मंत्रों में से एक है।
गायत्री जयंती 2024 का शुभ समय
पंचांग के मुताबिक़ ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Gayatri Jayanti 2024) सोमवार 17 जून 2024 को सुबह 4.43 से शुरू होगी। एकादशी तिथि का समापन मंगलवार 18 जून 2024 को सुबह 6.24 मिनट पर होगा। पूजन मुहूर्त सुबह 8.53 से लेकर सुबह 10.37 तक है। आमतौर पर, पूजा ब्रह्म मुहूर्त के दौरान की जाती है, जो सूर्योदय से लगभग 96 मिनट पहले या दोपहर के दौरान होती है, जिसे अभिजीत मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। हालाँकि, दिन के दौरान कोई भी समय जब आप ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और भक्ति के साथ अनुष्ठान कर सकते हैं उसे शुभ माना जाता है।
गायत्री जयंती पर पूजा विधि
दिन की शुरुआत सुबह-सुबह शुद्ध स्नान करके करें, विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त के दौरान। पूजा क्षेत्र को साफ करें और देवी गायत्री की मूर्ति या तस्वीर के साथ एक वेदी स्थापित करें। वेदी को फूल, अगरबत्ती और दीपक से सजाएं। ध्यान की मुद्रा में बैठें और देवी गायत्री का आह्वान करें, उन्हें पांच चेहरों और दस हाथों के साथ एक उज्ज्वल रूप में देखें, जो पांच तत्वों और ज्ञान के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान (Gayatri Jayanti 2024) प्राप्त करने के लिए गायत्री जयंती अनुष्ठान को भक्ति और ईमानदारी से करने का संकल्प लें।
पूजन
शुद्धि और पवित्रता के प्रतीक, पानी, दूध, शहद, दही और घी से मूर्ति का स्नान कराएं। देवता को ताजे फल, मिठाइयाँ और फूल चढ़ाएँ। तुलसी के पत्ते और पवित्र जल विशेष शुभ होते हैं। जप माला का उपयोग करके गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यह मंत्र दिव्य प्रकाश और ज्ञान का एक शक्तिशाली आह्वान है:
ॐ भूर् भुवः स्वः,
तत् सवितुर वरेण्यं,
भर्गो देवस्य धीमहि,
धियो यो नः प्रचोदयात्।
होम और दान
यदि संभव हो, तो एक छोटा सा अग्नि अनुष्ठान करें, जिसमें गायत्री मंत्र (Gayatri Jayanti 2024)का जाप करते हुए पवित्र अग्नि में घी और जड़ी-बूटियाँ अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है और दैवीय आशीर्वाद का आह्वान करता है। गायत्री जयंती पर जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे का दान करना अत्यधिक पुण्यदायी माना जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराना और पशु-पक्षियों को भोजन कराना भी शुभ कार्य है।
गायत्री जयंती का महत्व
गायत्री जयंती का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। देवी गायत्री को सभी ज्ञान के स्रोत और अज्ञानता को दूर करने वाली के रूप में पूजा जाता है। उनसे जुड़ा गायत्री मंत्र, हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली और पूजनीय मंत्रों में से एक है, जो भक्त को ज्ञान, शांति और समृद्धि प्रदान करता है। मंत्र की तरंगें मन को शुद्ध करती हैं, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को कम करती हैं। देवी गायत्री की भक्ति आंतरिक शांति और मानसिक स्पष्टता लाती है।