Gwalior Mahalaxmi Mandir: यहां अपनी आठ बहनों के साथ विराजमान हैं मां महालक्ष्मी, हर कामना करती हैं पूरी
Gwalior Mahalaxmi Mandir: ग्वालियर। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्वालियर की शनि क्षेत्र में बसावट होने और जब से सूर्य मंदिर का निर्माण हुआ है तभी से ग्वालियर शहर में प्रगति और समृद्धि की गति थम सी गई थी। इसे गति देने और शनि के प्रभाव को कम करने के लिए लगभग 10 करोड़ की लागत से जोरासी मंदिर के पास प्रदेश के पहले महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर का निर्माण लगभग तीन बीघा से भी ज्यादा जमीन पर किया गया है।
मां लक्ष्मी के दर्शन मात्र से दूर होते हैं सारे कष्ट
ग्वालियर से मात्र 18 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध जोरासी वाले हनुमान मंदिर के पास इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर पर शनिवार और मंगलवार ही नहीं अपितु प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। मान्यता यह है कि मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर के पीछे महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण किया गया है। इसका उद्देश्य शहर के विकास को गति देना और सुख समृद्धि बनाए रखना है। मां लक्ष्मी की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पर आते हैं। उनका ऐसा मानना है कि मां लक्ष्मी के दर्शन मात्र से ही उनके सारे कष्टों का निवारण हो जाएगा।
पूरे एमपी में केवल ग्वालियर में है मां महालक्ष्मी का मंदिर
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के किसी भी शहर में महालक्ष्मी मंदिर (Gwalior Mahalaxmi Mandir) नहीं है। ग्वालियर राज्य का पहला ऐसा शहर होगा जहां मां लक्ष्मी का मंदिर बना हुआ है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य और शनि रिश्ते में भले ही पिता-पुत्र हैं लेकिन दोनों के बीच कभी सामंजस्य नहीं बना। इसी कारण से शहर का विकास बाधित होता है। इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए जोरासी में शनि सूर्य मंदिर की ध्वजा पताका की सीध में ही महालक्ष्मी मंदिर की स्थापना की गई है।
अद्भुत है मां महालक्ष्मी की प्रतिमा
महालक्ष्मी की प्रतिमा वियतनाम के सफेद मार्बल से बनाई गई है। अद्भुत आलोकित प्रतिमा अष्टमहालक्ष्मी के दोनों हाथों में कमल हैं। एक हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में तथा दूसरा हाथ भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने की मुद्रा में है। महालक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान हैं, साथ ही सुंदर गहने धारण किए हुए हैं। उनके चरणों में सफेद हाथी विराजित हैं एवं उनकी सात बहनें आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, जय लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी की भी दो-दो फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर प्रथम पूज्य श्री गणेश एवं माता सरस्वती विराजमान हैं। मंदिर (Gwalior Mahalaxmi Mandir) के प्रवेश द्वार पर दो हाथी भी विराजमान हैं जिनकी सूंड आकाश की तरफ है।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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