Hazareshwar Mahadev Mandir: हजारों शिवलिंगों से मिलकर बना है हजारेश्वर महादेव का मंदिर, मोटा महादेव के नाम से है प्रसिद्ध
Hazareshwar Mahadev Mandir Gwalior: ग्वालियर। पूरे देश में इस समय महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी भक्त हजारेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए भक्त देर रात से ही लाइनों में लगे हुए हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त महाशिवरात्रि के दिन हजारेश्वर महादेव के दर्शन कर लेता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां का शिवलिंग है जिसका आकार साढे 5 फीट है। शिवलिंग के ठीक सामने मां पार्वती आराधना की मुद्रा में बैठी हुई हैं। हजारेश्वर महादेव मंदिर की खास बात यह है कि इस शिवलिंग में कुल 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं। इसके साथ ही इस शिवलिंग के ठीक ऊपर 55 शिवमुख बने हुए हैं जो कि इस शिवलिंग को अपने आप में एक आकर्षक रूप प्रदान करते हैं।
हजारेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से दूर हो जाती हैं सारी विपत्तियां
मध्य प्रदेश का ग्वालियर शहर आध्यात्म और धर्म से काफी गहरा नाता रखता है। यहां लगभग सभी हिंदू देवी-देवताओं के ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर स्थित हैं। इसके साथ ही भगवान शंकर के भी यहां बहुत से प्राचीन और दुर्लभ मंदिर देखने को मिलते हैं जिनके दर्शन और पूजन करने के लिए भक्त दूर-दूर से दौड़े चले आते हैं। इन्ही प्राचीन और दुर्लभ मंदिरों में से एक मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बसा गेंडे वाली सड़क स्थित रामकुई पुल के पास बना हजारेश्वर महादेव मंदिर है जो अपनी विशेष आकार की शिवलिंग और मान्यता को लेकर लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना रहता है। महाशिवरात्रि के दिन यहां विशेष पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त हजारेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन मात्र कर लेता है तो उसकी सारी विपत्तियां दूर हो जाती हैं।
शिवलिंग पर बने हुए हैं 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग
हजारेश्वर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह काफी प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां का शिवलिंग (Hazareshwar Mahadev Mandir Gwalior) है जिसका आकार लगभग साढ़े पांच फीट है। शिवलिंग के सामने मां पार्वती आराधना की मुद्रा में बैठी हुई हैं। इसकी खास बात यह है की शिवलिंग में 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं इसके साथ ही इस शिवलिंग के ऊपर 55 शिव मुख बने हुए हैं जो कि इस शिवलिंग को अपने आप में आकर्षण प्रदान करते हैं। इसके अलावा इस प्राचीन मंदिर में स्थापित शिवलिंग की जलहरी में दो सर्प शिव के साथ दिखाई देते हैं और जलहरी के नीचे छह सर्प दिखाई देते हैं जो कि शिवजी का पहरा देते हुए प्रतीत होते हैं। इसके साथ ही मंदिर में प्राचीन राधा कृष्ण का मंदिर भी स्थित है। इसकी बनावट व आकार काफी पुराना प्रतीत होता है। मंदिर के द्वार पर द्वारपाल भी बने हुए हैं।
यहां मोटा महादेव के नाम से प्रसिद्ध हैं भगवान शिव
मंदिर के पुजारी यह भी बताते हैं कि इस शिवलिंग (Hazareshwar Mahadev Mandir Gwalior) की मोटाई काफी ज्यादा है और ऊंचाई भी लगभग साढे 5 फिट है। महादेव के विशाल रूप के आकार को लेकर यहां आने वाले वक्त इन्हें मोटे महादेव के नाम से भी पुकारते हैं। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन यहां पर पूजा पाठ करने व भगवान का अभिषेक करने से आपको एक 1108 शिवलिंगों के अभिषेक का पुण्य प्राप्त होता है इसलिए यहां पर महाशिवरात्रि के दिन लोगों का तांता लगा रहता है। लोग यहां भगवान शिव के अभिषेक के लिए आते हैं और सुबह से लंबी-लंबी लाइनों में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं। वे भगवान का श्रृंगार भी करते हैं एवं यहां पर विशाल फूल बंगले का निर्माण भी किया जाता है जो कि मंदिर को एक आकर्षक रूप प्रदान करता है।
खास तामिया पत्थर से बनाया गया है यह शिवलिंग
जानकारों के अनुसार हजारेश्वर महादेव मंदिर (Hazareshwar Mahadev Mandir Gwalior) का शिवलिंग एक विशेष पत्थर से बनाया गया है। इस पत्थर की विशेषता यह है कि इसे दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो शिवलिंग पर तांबे की परत सी चढ़ाई गई हो जो कि अपने आप में एक अद्भुत दृश्य होता है। बताया यह भी जाता है कि तामिया पत्थर से बनाया गया यह शिवलिंग लोगों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पूजा-पाठ अथवा आराधना करके मन्नत मांगता है, भगवान उनकी अर्जी को सुनते ही हैं और उनकी हर इच्छा के अनुसार उन्हें फल भी प्रदान करते हैं।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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