Holika Dahan Muhurat: जानिए भगवान महाकाल मन्दिर में कब होगा होलिका दहन
Holika Dahan Muhurat: उज्जैन। काल के भी काल, बाबा महाकाल के दरबार मे सबसे पहले होलिका दहन का आयोजन होता है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च को राजसी वैभव के साथ होली उत्सव मनाया जाएगा। 13 मार्च को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद प्रदोषकाल में होलिका का पूजन उपरांत दहन किया जाएगा। जिसके बाद अगले दिन यानी 14 मार्च को घुलंडी पर तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल के साथ हर्बल गुलाल से होली खेलेंगे। उत्सव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजा और वहाँ का होली उत्सव हमेशा से विशेष महत्व रखता है। हर साल हजारों की संख्या में भक्त राजा महाकाल की होली देखने आते हैं और इस साल भी यह उत्सव शानदार तरीके से मनाया जाएगा। गुरुवार 13 मार्च को संध्या आरती के बाद प्रदोषकाल में होलिका पूजन किया जाएगा, जिसके बाद होलिका का दहन होगा।
प्रदोषकाल में होगा होलिका दहन
ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में होली उत्सव का विशेष महत्व है। देशभर से सैकड़ों भक्त राजा की रंगरंगीली होली देखने मंदिर पहुंचते हैं। इस बार यह उत्सव 13 मार्च को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। ज्योतिष जानकार बताते हैं कि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि के चंद्रमा की साक्षी में पूर्णिमा तिथि का आगमन होगा, जो प्रदोषकाल में पूरी तरह से विद्यमान रहेगी। धर्मशास्त्रों में प्रदोषकाल में होलिका का पूजन करने का महत्व बताया गया है, इसलिए इस दिन प्रदोषकाल में होलिका का पूजन करना शुभ रहेगा। इसके अलावा 13 मार्च की रात को पाताल वासिनी भद्रा का संयोग भी रहेगा, जो होलिका दहन (Holika Dahan Muhurat) के लिए शुभ माना जाता है।
14 मार्च को भस्म आरती में हर्बल गुलाल लगाया जाएगा बाबा भोलेनाथ को
इस दिन मंदिर परिसर में श्री ओंकरेश्वर मंदिर के सामने पुजारी, पुरोहित परिवार द्वारा होलिका का निर्माण किया जाएगा। शाम 7.30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद पुजारी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका का पूजन करेंगे। पश्चात होलिका का दहन होगा।यह आयोजन खासतौर पर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।परंपरा अनुसार अगले दिन यानी 14 मार्च को होली उत्सव मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित करेंगे। मंदिर समिति पुजारियों को प्राकृतिक उत्पादों से तैयार हर्बल गुलाल उपलब्ध कराएगी।
देश में सबसे पहले होली जलाई जाती है महाकाल प्रांगण में
भगवान महाकाल के दरबार मे भक्त उनके साथ होली का पर्व मनाने के लिए बड़ी दूर दूर से आते है और इस पवित्र दिन भगवान श्री महाकाल के दर्शन करते है. होलिका दहन के लिए मुहूर्त कुछ भी हो लेकिन देश की सबसे पहली होली महाकाल के आंगन में ही जलती है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में शाम की आरती के बाद होली जलाई जाती है। यहां देश का सबसे पहला होलिका दहन (Holika Dahan Muhurat) होता है। फागुन मास की चतुर्दशी पर महाकाल मंदिर में होलिका दहन का भव्य आयोजन होता है। इसके बाद बाबा महाकाल अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं।
(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)
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