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Jaya Ekadashi 2025 : भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न , पूजन में जरूर शामिल करें ये 5 चीजें

भगवान विष्णु को समर्पित इस दिन व्रत रखने और पूरी श्रद्धा से पूजा करने से दैवीय आशीर्वाद, पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक उत्थान होता है।
09:00 AM Feb 06, 2025 IST | Preeti Mishra

Jaya Ekadashi 2025 : माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2025) भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उपवास करने से पाप दूर होते हैं, मोक्ष मिलता है और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा होती है। भक्त आशीर्वाद लेने के लिए तुलसी, पंचामृत, विष्णु सहस्रनाम, पीली मिठाई और आंवला चढ़ाते हैं। इस व्रत को करने से शांति, समृद्धि और दैवीय कृपा प्राप्त होती है।

मिलता है मोक्ष

इस वर्ष जया एकादशी 8 फरवरी शनिवार को मनाई जाएगी। भगवान विष्णु को समर्पित इस दिन व्रत (Jaya Ekadashi 2025) रखने और पूरी श्रद्धा से पूजा करने से दैवीय आशीर्वाद, पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक उत्थान होता है। पद्म पुराण के अनुसार, जया एकादशी में नकारात्मक कर्म और भूतिया कष्टों को दूर करने की शक्ति है, जो भक्तों को मोक्ष के मार्ग पर ले जाती है।

भक्तों को अपनी जया एकादशी पूजा में इन पांच आवश्यक प्रसादों को शामिल करना चाहिए:

तुलसी के पत्ते

तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और कोई भी विष्णु पूजा तुलसी के पत्ते चढ़ाए बिना पूरी नहीं मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि भक्तिपूर्वक अर्पित किया गया एक तुलसी का पत्ता भी भगवान को अत्यधिक प्रसन्न करता है। तुलसी न केवल पर्यावरण को शुद्ध करती है बल्कि नकारात्मक (Lord Vishnu Worship) ऊर्जा को भी दूर करती है और आध्यात्मिक तरंगों को बढ़ाती है। इसके लिए तुलसी के ताजे पत्तों को धोकर विष्णु की मूर्ति या चित्र पर रखें।

अर्पित करते समय "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" या "विष्णुसहस्रनाम" का जाप करें। कभी भी शाम के समय या एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। इन्हें एक दिन पहले ही इकट्ठा कर लें। मान्यता है कि तुलसी चढ़ाने से पिछले पापों की क्षमा मिलती है, सौभाग्य मिलता है और भगवान विष्णु से दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है।

पंचामृत अभिषेक

"पंचामृत" का अर्थ है पांच अमृत, जिसमें दूध, दही, शहद, घी और चीनी शामिल हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना अत्यधिक शुभ और पवित्र करने वाला माना जाता है। यह समृद्धि, स्वास्थ्य और दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक है। इसे बनाने के लिए दूध, दही, शहद, घी और चीनी को बराबर मात्रा में मिला लें। विष्णु के मंत्रों का जाप करते हुए इसे धीरे से विष्णु की मूर्ति या शालिग्राम शिला पर डालें। अभिषेक के बाद मूर्ति को पोंछें और ताजे फूल और तुलसी (Jaya Ekadashi 2025 Date) के पत्ते चढ़ाएं। पंचामृत अभिषेक नकारात्मक कर्मों को दूर करता है, सकारात्मकता को बढ़ाता है और व्यक्ति के जीवन में दैवीय कृपा को आकर्षित करता है।

पीले फल और मिठाइयां

पीला रंग भगवान विष्णु से जुड़ा शुभ रंग माना जाता है। इस रंग के फल और मिठाइयां समृद्धि, पवित्रता और सकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें अर्पित करने से धन, सुख और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन आप केले, आम, केसर युक्त मिठाइयां या बेसन के लड्डू विष्णु मंत्रों का उच्चारण करते हुए भक्ति और शुद्ध मन से अर्पित करें। मान्यता है कि पीले खाद्य पदार्थ चढ़ाने से दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है, मानसिक शांति बढ़ती है और जीवन में प्रचुरता सुनिश्चित होती है।

विष्णु सहस्रनाम पाठ

विष्णु सहस्रनाम (भगवान विष्णु के 1000 नाम) सबसे शक्तिशाली प्रार्थनाओं में से एक है जो नकारात्मकता को नष्ट करती है, दिव्य सुरक्षा प्रदान करती है और आध्यात्मिक प्रगति सुनिश्चित करती है। जया एकादशी पर इन पवित्र नामों का जाप वर्षों की तपस्या के बराबर है। इस दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने बैठें। घी का दीपक और धूप जलाएं। भक्तिपूर्वक विष्णु सहस्रनाम का जाप करें या सुनें। विष्णु सहस्रनाम (Jaya Ekadashi Prasad) का पाठ करने से बाधाएं दूर होती हैं, आंतरिक शांति बढ़ती है और आध्यात्मिक और भौतिक इच्छाएं पूरी होती हैं।

आंवला 

आंवला भगवान विष्णु के लिए पवित्र और अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन आंवले का सेवन करने से जीवन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। भगवान विष्णु की मूर्ति के पास ताजे आंवले के फल रखें। पूजा के बाद इन्हें परिवार के सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांट दें। आंवला अर्पित करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भी माना जाता है कि यह पिछले पापों को दूर करता है और ज्ञान प्रदान करता है।

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