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Mahakumbh Mela 2025 : महाकुंभ के दौरान इन तिथियों पर मनाएं जाएंगे ये महत्वपूर्ण पर्व

महाकुंभ मेला की शुरुआत नए साल की 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से होने जा रही है। इस महाकुम्भ का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि
08:48 AM Dec 12, 2024 IST | Jyoti Patel
Mahakumbh Mela 2025

Mahakumbh Mela 2025 : महाकुंभ मेला की शुरुआत नए साल की 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से होने जा रही है। इस महाकुम्भ का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन होगा। आपको बता दें, इस साल महापर्व कुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। कुंभ मेले का भारतीय संस्कृति और धर्म के अनुसार बहुत महत्व है। कुम्भ मेले हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पर्व है। इसका आयोजन 12 वर्ष में एक बार होता है। यह चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। कुंभ के मेले में स्नान करना काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये एक बहुत ही पवित्र आयोजन है। इस दौरान श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती संगम में स्नान के लिए देश-विदेश से इक्टठा होते हैं। आज हम आपको महाकुंभ मेले के दौरान आने वाली शुभ तिथियों के बारे में बताएँगे।

13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा तिथि

ऐसा माना जाता है, कि पौष पूर्णिमा के दिन कुंभ स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी यह जरुरी माना जाता है।

मकर संक्रांति

हर साल 14 जनवरी को मकर सक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि ले निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी अवसर को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मान्यतानुसार इस दिन स्नान, दान, जप, धार्मिक अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान पुण्य आपके पुनर्जन्म पर सौ गुणा के बराबर फल देता है। इस दिन तिल से स्नान करने, तिल खाने, तिल का दान करने और हवन करना शुभ फलदायी होता है।

मौनी अमावस्या

29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जायेगी। मौनी अमावस्या माघ मास की सबसे बड़ा स्नान पर्व है। मौनी अमावस्या का स्नान अन्य सभी स्नानों में सर्वोत्तम माना जाता है। आपको बता दें कि इस दिन पुण्यकाल पर स्वयं का उद्धार तथा पितरों को तारने के लिए दान, पुण्य, स्नान करना फल दायी होता है. इस स्नान का वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है। आप भी मौनी अमावस्या के मौके पर कुंभ स्नान करके पुण्य फल की प्राप्ति कर सकते हैं। इसके अलावा आप 03 फरवरी, बसंत पंचमी के दिन भी कुम्भ में स्नान कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें : Maha Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में होगा महाकुंभ का भव्य आयोजन, जाने किस तारीख को है शाही स्नान

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