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Nalkheda Temple: महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में आते हैं पंचमुखी नागदेवता, चमत्कारिक है यह स्थान

ऊंची पहाडी पर बसे इस मंदिर के समीप अति प्राचीन बावडी व धर्मशाला के अवशेष आज भी मौजूद हैं। मंदिर के समीप सैकडों वर्ष प्राचीन एक विशाल नैसर्गिक तालाब भी है जो 350 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैला हुआ है।
01:11 PM Feb 25, 2025 IST | Sunil Sharma

Nalkheda Temple: आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा के नलखेडा तहसील के ग्राम गोंदलमऊ में स्थित पुरातन शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग अद्भुत व चमत्कारी है। इस शिवलिंग पर ग्यारह सौ ग्यारह (1111) शिवलिंगों की आकृति उभरी हुई है। इस शिवलिंग के कई चमत्कार किस्से भी स्थानीय ग्रामीणों की जुबान पर है। महाशिवरात्रि पर यहां श्वेत नाग देवता भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए पहुंचते हैं जिन्हे कईं भक्तों द्वारा देखा गया है। महाशिवरात्रि पर इस मंदिर पर भक्तों का ताता लगा रहता है। इस बार भी श्रद्धालु भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर रुद्राभिषेक किया जाएगा।

600 वर्ष पुराना है यह शिव मंदिर

गांव में निवासरत बुजुर्गों का कहना है कि यह शिव मंदिर लगभग 600 साल पुराना है, इस गांव को भी बसे हुए लगभग 600 साल हो चुके हैं। गांव की स्थापना से ही उक्त मंदिर यहां पर विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह अवश्य पूरी होती है। नलखेडा से दक्षिण दिशा में 16 किमी दूर तहसील के ग्राम गोंदलमऊ के शिव मंदिर में स्थापित यह शिवलिंग गुप्तकालीन है। महाशिवरात्रि पर यहां शिवभक्तों का मेला लगता है जो भगवान भोलेनाथ की विशेष साधना-आराधना कर उन्हे जलाभिषेक- दुग्धाभिषेक कर बिल्व पत्र चढाते हैं। ऊंची पहाडी पर बसे इस मंदिर के समीप अति प्राचीन बावडी व धर्मशाला के अवशेष आज भी मौजूद हैं। मंदिर के समीप सैकडों वर्ष प्राचीन एक विशाल नैसर्गिक तालाब भी है जो 350 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैला हुआ है।

हर महाशिवरात्रि पर होता है साक्षात चमत्कार

इस शिवलिंग (Nalkheda Temple Shivlinga) के चमत्कार के किस्से यहां के बुजुर्गों की जुबान पर आज भी है। एक चमत्कार यहां आज भी होता है। महाशिवरात्रि पर इस शिवलिंग की आराधना करने के लिए एक पंचमुखी सफेद नागदेवता यहां आते हैं। ग्राम के निवासियों ने बताया कि प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के दिन रात्रि के समय में व श्रावण मास में एक बार पंचमुखी सफेद नागदेव भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां आते हैं। इन नागदेवता के दर्शन भी किसी बिरले शिवभक्त को ही होते हैं। नागदेव के दर्शन करने वाले मंदिर के पुजारी ने बताया कि नागराज आकर शिवलिंग पर लिपट जाते हैं व अपनी साधना पूर्ण कर अदृश्य हो जाते हैं।

प्रदेश में है अपनी तरह का एकमात्र शिवलिंग

बताया जाता है कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में यह एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जिस पर 1111 शिवलिंग की आकृतियां उभरी हुई हैं जिन्हे आज भी स्पष्ट देखा जा सकता है। यह शिवलिंग लाल पत्थर का बना हुआ है। ऐसा ही एक शिवलिंग राजस्थान की विश्वप्रसिद्ध चंद्रभागा नदी के किनारे स्थापित है।

कईं दंपतियों को मिला है वरदान

इस चमत्कारिक शिवलिंग (Nalkheda Temple Shivlinga) पर एक बार अभिषेक करने से 1111 बार अभिषेक करने का लाभ भक्तों को प्राप्त होता है। पुजारी बाबूलाल नागर ने बताया कि यहां निःसंतान दंपति संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं जोकि पूरी होती है। ऐसे सैकडों परिवारों को भगवान भोलनाथ की कृपा से संतान प्राप्त हो चुकी है। आसपास के क्षेत्रों के अलावा देश के कईं प्रांतों से यहां भक्त आते हैं और मन्नत मांगते है। मन्नत पूर्ण होने पर धार्मिक आयोजन करते हैं।

शिव महापुराण का चल रहा आयोजन

1111 शिवलिंग वाले शिव मंदिर पर महाशिवरात्रि के अवसर पर गत 20 फरवरी से शिव महापुराण का आयोजन कथा वाचक संत मुकेशानंद पूरी जी महाराज के मुखारविंद से चल रहा है जिसकी पूर्णाहुति कल महाशिवरात्रि के मौके पर होगी। पूर्णाहुति पर महाप्रसादी का आयोजन भी होगा।

(आगर मालवा से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)

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