Navratri News: मां के मंदिर में भक्त ने अपनी जीभ काटकर चढ़ाई, अपने खून से भरा मां का खप्पर!

Navratri News: भिंड। इन दिनों शक्ति और मां भगवती की आराधना का पर्व नवरात्रि चल रहा है। मध्य प्रदेश में भी सभी जगहों पर धूमधाम के साथ नवरात्रि की पूजा तथा अन्य धार्मिक कर्मकांड हो रहे हैं। यदि भिंड जिले...
navratri news  मां के मंदिर में भक्त ने अपनी जीभ काटकर चढ़ाई  अपने खून से भरा मां का खप्पर

Navratri News: भिंड। इन दिनों शक्ति और मां भगवती की आराधना का पर्व नवरात्रि चल रहा है। मध्य प्रदेश में भी सभी जगहों पर धूमधाम के साथ नवरात्रि की पूजा तथा अन्य धार्मिक कर्मकांड हो रहे हैं। यदि भिंड जिले की बात करें तो दुर्गा पांडालों एवं मां के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है। ऐसे में भिंड जिले से एक चौंकाने वाली खबर भी सामने आई है। भिंड जिले के लहार कस्बे में रतनगढ़ वाली माता के मंदिर में एक भक्त ने मां के दर्शन किए और रात में उसने अपनी जीभ काट कर चढ़ा दी।

रामशरण नाम के भक्त ने मंदिर में चढ़ाई जीभ

मंदिर में दर्शन करने आए भक्तों ने बताया कि जिले के लहार नगर के वार्ड नंबर 15 में स्थित मां रतनगढ़ देवी के मंदिर में नवरात्रि के मौके पर जवारे बोए गए हैं। इसी दौरान वहां पर आए एक भक्त रामशरण ने जवारों की झांकी पर होम करने के बाद अपनी जीभ काटकर देवी मां के मंदिर में अर्पित कर दी।

खबर सुनते ही मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

पुजारी जयकिशन ने बताया कि रामशरण भगत ने लहार में रतनगढ़ मां के मंदिर पर जवारों के दर्शन किए और मां की प्रतिमा के सामने अपनी जीभ काट कर चढ़ा दी। जल्द ही यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। खबर सुनते ही सैकड़ों की संख्या में भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ पड़ी। लोग इसे चमत्कार मानकर मां और रामशरण भगत को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।

रामशरण भगत ने अस्पताल जाने से किया मना

मंदिर में मौजूद लोगों ने बताया कि जीभ चढ़ाने के बाद वहां मौजूद लोगों ने रामशरण भगत को अस्पताल ले जाना चाहा तो उन्होंने इशारों में मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मां पर विश्वास है और उनकी जीभ आ जाएगी। फिलहाल जीव चढ़ाने के बाद रामशरण का स्वास्थ्य सही बताया जा रहा है। रामशरण भगत के द्वारा जीव चढ़ाने के बाद जहां एक ओर लहार स्थित रतनगढ़ माता मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड उमड़ी है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं एवं पुरुषों के द्वारा मंदिर प्रांगण में अलग-अलग भजन कीर्तन का दौर भी जारी है।

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