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Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी पर इन चीजों का भोग लगाने से प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु, मनोकामनाएं होंगी पूरी

हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इसी तरह पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी
11:49 AM Jan 07, 2025 IST | Jyoti Patel
Putrada Ekadashi 2025

Putrada Ekadashi 2025: हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इसी तरह पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। आपको बता दें, एकादशी हर महीने में दो बार आती है। एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती हैं। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है, पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी संतान सुख पाने के लिए काफी फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन उनकी कुछ प्रिय चीजों का भोग लगाने से विष्णु की प्रसन्न होकर कृपा करते हैं। आइये जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत की तिथि और भोग के बारे में पूरी जानकारी

कब है पौष पुत्रदा एकादशी ?

पौष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का 9 जनवरी, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो कर 10 जनवरी, शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। बता दें, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। इस बार पौष पुत्रदा एकादशी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। प्रात:काल से लेकर दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक शुभ योग बन रहा है, उसके बाद शुक्ल योग बन रहा है और यह योग पूरे दिन रहेगा। इसके साथ ही इस दिन प्रात:काल से लेकर दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र रहेगा और इसके बाद से रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा।

पारिवारिक सुख-शांति के लिए पंजीरी का भोग

पंजीरी का भोग प्रभु श्रीहरि को अत्यंत प्रिय है. पौष पुत्रदा एकादशी पर पंजीरी का भोग अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने और पंजीरी से भोग लगाने से घर में पारिवारिक सुख और शांति में वृद्धि होती है. खासकर घर के सदस्यों के बीच मन-मुटाव समाप्त होता है और गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है. पौष पुत्रदा एकादशी को भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग परिजनों के बीच प्रेम और सद्भावना बढ़ाने का सबसे बेहतर उपाय माना जाता है.

फलों का लगाएं भोग

इस दिन भगवान विष्णु को फलों को भोग लगाना शुभ माना जाता है। फल शुभता और समृद्धि का प्रतीक माने जाते है। भगवान को भोग में फल चढ़ाने से जीवन में अच्छे अवसर और हर तरीके से सफलता की प्राप्ति होती है। पौष पुत्र एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और उन्हें फलों का भोग जरूर चढ़ाना चाहिए, ऐसा करने से आपके घर में सुख समृद्धि आती है।

सूखे मेवों के भोग से होगा आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

भगवान विष्णु को सूखे मेवों का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। आप पूजा में सूखे मेवे बादाम, काजू, पिस्ता और अखरोट को भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। कहा जाता है भगवान विष्णु को सूखे मेवों का भोग लगाने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने और उन्हें सूखे मेवे अर्पित करने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। धन की कमी दूर करने के लिए भगवान विशुन को सूखे मेवों का भोग जरूर लगाएं। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु को इन खास चीजों का भाग लगाने से जीवन की परेशानियों से मुक्ति के उपाय किए जा सकते हैं।

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