Rang Teras 2025: कब मनाया जाएगा रंग तेरस? भगवान कृष्ण को समर्पित है यह पर्व

रंग तेरस का पर्व भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान कृष्ण को श्रीनाथ जी के रूप में पूजा जाता है।
rang teras 2025  कब मनाया जाएगा रंग तेरस  भगवान कृष्ण को समर्पित है यह पर्व

Rang Teras 2025: रंग तेरस हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी (13वें दिन) को मनाया जाता है। इसे 'रंग त्रयोदशी' भी कहा जाता है। रंग-बिरंगे जुलूस और उन्माद रंग तेरस (Rang Teras 2025) के त्योहार का सटीक वर्णन करते हैं। कुछ क्षेत्रों में इसे होली समारोह के एक भाग के रूप में भी मनाया जाता है।

होली त्योहार का एक हिस्सा होने के नाते, रंग तेरस (Rang Teras 2025) भाईचारे की भावना का भी जश्न मनाता है। रंग तेरस मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष रंग तेरस का पर्व 27 मार्च, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।

Rang Teras 2025: कब मनाया जाएगा रंग तेरस? भगवान कृष्ण को समर्पित है यह पर्व

भगवान कृष्ण को समर्पित है रंग तेरस का त्योहार

रंग तेरस (Rang Teras Dedicated to Lord Krishna) का पर्व भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान कृष्ण को श्रीनाथ जी के रूप में पूजा जाता है। भक्त श्री कृष्ण को चरवाहे के रूप में पूजते हैं और होली की तरह नृत्य, संगीत और रंगों के साथ जश्न मनाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, मवेशियों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है, जो कृषि में उनके योगदान के लिए आभार का प्रतीक है। पारंपरिक लोक प्रदर्शन और कृष्ण भजन उत्सव का माहौल बनाते हैं। यह त्योहार आध्यात्मिक आनंद और कृष्ण की दिव्य चंचलता को दर्शाता है, जो भक्तों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है।

रंग तेरस को भारतीय किसानों के आभार के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर, किसान धरती माता को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने उन्हें भोजन सहित जीवन की सभी आवश्यक चीजें प्रदान की हैं। महिलाएं उपवास रखती हैं और इस त्योहार से जुड़ी रस्में निभाती हैं। इस उत्सव के एक हिस्से के रूप में, गांव के युवा लोग नृत्य और बिछाने के खेलों के साथ-साथ अपने वीरतापूर्ण कौशल का प्रदर्शन करते हैं।

Rang Teras 2025: कब मनाया जाएगा रंग तेरस? भगवान कृष्ण को समर्पित है यह पर्व

रंग तेरस का महत्व

रंग तेरस (Rang Teras Significance) का पर्व उत्तर भारत में बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में भगवान कृष्ण के अधिकांश मंदिरों में यह उत्सव बहुत ही खास होता है। रंग तेरस का उत्सव उन मंदिरों में अधिक विस्तृत और प्रसिद्ध है जहां भगवान कृष्ण को 'श्रीनाथजी' के रूप में पूजा जाता है। इस भव्य उत्सव को देखने के लिए भक्त इस्कॉन मंदिरों में भी उमड़ते हैं। रंग तेरस हिंदू समुदाय का एक शानदार त्योहार है जिसे हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें: Hindu New Year 2025: मार्च में इस दिन से होगी हिन्दू नववर्ष की शुरुआत, जानें सही तिथि

Tags :

.