Sant Premanand Ji Yatra: संत प्रेमानंद जी ने स्थगित की रात्रि पदयात्रा, सामने आई असली वजह
Sant Premanand Ji Yatra: वृंदावन के जानेमाने संत प्रेमानंद जी ने श्रीराधा केलिकुंज आश्रम से रात दो बजे शुरू होने वाली पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। इस संबंध में आश्रम ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल पर एक सूचना भी जारी की है जिसमें यात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद किए जाने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि यह निर्णय स्थानीय निवासियों द्वारा उठाए गए विरोध के बाद लिया गया है। माना जा रहा है कि अब उनकी पदयात्रा में बदलाव हो सकता है परंतु फिलहाल यह यात्रा स्थगित रहेगी।
हजारों श्रद्धालु आधी रात से ही दर्शन के लिए लगते थे लाइन में
श्रीराधा केलिकुंज आश्रम द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, संत प्रेमानंद प्रतिदिन रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम् स्थित अपने निवास से पदयात्रा पर निकलते थे। यह यात्रा रमणरेती स्थित आश्रम तक जाती थी। इस दौरान सड़क के दोनों ओर हजारों भक्त श्रद्धा भाव से उनके साथ भजन-कीर्तन में सम्मिलित होते थे और मार्ग में खड़े होकर उनका दर्शन करते थे। इन भक्तों में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा और बड़े-बुजुर्ग तक शामिल थे। यह एक प्रकार की आध्यात्मिक यात्रा थी, जो भक्तों में एक नई ऊर्जा और समर्पण का संचार करती थी।
ध्वनि प्रदूषण और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण बंद हुई यात्रा
शुरूआत में यह यात्रा (Sant Premanand Ji Yatra) बहुत शांति से होती थी। धीरे-धीरे समय के साथ भक्तों की संख्या बढ़ी और इससे जुड़ी शोर-शराबे की समस्या भी गंभीर हो गई। कुछ स्थानीय निवासियों ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर विरोध जताया। उनका कहना था कि पदयात्रा के दौरान गूंजते भजन-कीर्तन और पटाखों की आवाज से उनके घरों में परेशानी होती है। विशेष रूप से बुजुर्गों और बीमार लोगों को इस शोर से तकलीफ होती थी।
इसके साथ ही, एनआरआई ग्रीन कॉलोनी और अन्य क्षेत्रों के निवासी यह भी शिकायत कर रहे थे कि रात में तेज आवाजों के कारण उनकी नींद में खलल पड़ता है, जिससे उनका दिनभर का कामकाज प्रभावित होता है। कुछ शिक्षिकाओं ने भी इस विषय में अपनी समस्या जाहिर की थी कि शोर के कारण उन्हें अगले दिन स्कूल जाने में कठिनाई होती है। इस विरोध को लेकर सोमवार को महिलाओं ने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
आश्रम ने दिया स्पष्ट बयान
आश्रम के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे हमेशा ही पदयात्रा (Sant Premanand Ji Yatra) के दौरान ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन भक्तों को सड़क किनारे भजन गाने की आदत है, वे आश्रम के अनुयायी नहीं हैं, और वे अपनी इच्छा से ऐसा करते हैं। बावजूद इसके, इस बढ़ते विरोध को देखकर और संत प्रेमानंद के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पदयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
यद्यपि अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार संत प्रेमानंद जी की यह पदयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित की गई है, फिर भी भक्तों को उम्मीद है कि यह यात्रा एक बार फिर आरंभ होगी। आश्रम ने यह निर्णय लेकर संत प्रेमानंद के स्वास्थ्य और आस-पास के निवासियों की भलाई का ख्याल रखा है। अब देखना होगा कि कब यह प्रसिद्ध पदयात्रा फिर से शुरू होती है और भक्तों को एक बार फिर उनके मार्गदर्शन का अवसर मिलता है।
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