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Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी के दिन क्यों खाते हैं बासी खाना? जानिए इसके पीछे क्या है कारण

शीतला अष्टमी का त्यौहार होली के बाद मनाया जाता है। जिसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है
06:00 AM Mar 16, 2025 IST | Jyoti Patel
Sheetala Ashtami 2025

Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी का त्यौहार होली के बाद मनाया जाता है।यह पर्व शीतला माता को समर्पित होता है जिसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्ठमी हर साल कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। जो होली के आठ दिन बाद आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शीतला अष्टमी का व्रत शनिवार, 22 मार्च को रखा जाएगा। कहा जाता है इस दिन शीतला माता की पूजा करने से रोगो से मुक्ति मिलती है।

क्यों लगाया जाता है बासी खाने का भोग ?

धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है, जिसे बसौड़ा या बसियौरा भी कहा जाता है। इस दिन को ठण्ड खत्म होने का संकेत भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित करने से रोगों से बचाव होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा इस दिन घर में भी सभी लोग वही खाना खाते हैं। धायण रहें इस भोग की तैयारी साफ़-सफाई से करनी चाहिए। माता को भोग लगाने के बाद ही स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। ऐसा करें से माता भक्तों को निरोग रहने का आशीर्वाद देती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

क्या है इसका धार्मिक महत्व ?

बासी भोजन चढ़ाने का उद्देश्य सादगी को महत्व देना है। इस परंपरा के माध्यम से यह सीख मिलती है कि हमें आडंबर और दिखावा करने की बजाय संतोष और सरलता को अपनाना चाहिए। भौतिक सुख-साधनों के पीछे भागने की बजाय आध्यात्मिक शांति और ईश्वर में श्रद्धा रखनी चाहिए।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च 2025 को सुबह 04:23 बजे होगी और इसका समापन 23 मार्च 2025 को सुबह 05:23 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष शीतला अष्टमी का व्रत शनिवार, 22 मार्च 2025 को रखा जाएगा. व्रत का पारण अगले दिन, 23 मार्च की सुबह पूजा-पाठ के बाद किया जाएगा।

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