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Basant Panchami 2025 Colour: बसंत पंचमी के दिन पीला पहनना होता है शुभ, जानिए क्यों?

पीला रंग सरस्वती से जुड़ा हुआ है क्योंकि यह रंग ज्ञान का प्रतीक है और सरसों के खेतों को भी दर्शाता है जो वसंत ऋतु के आगमन से जुड़े हैं
11:02 AM Jan 22, 2025 IST | Preeti Mishra

Basant Panchami 2025 Colour: बसंत पंचमी एक ऐसा पर्व है, जिसमे ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा और कला की देवी सरस्वती की पूजा होती है। माघ महीने के चंद्र पक्ष की पंचमी को मनाया जाने वाला यह त्योहार वसंत ऋतू (Basant Panchami 2025 Colour) के आगमन का भी प्रतीक है। इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, जो ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है, और मां सरस्वती की पूजा कर ज्ञान और रचनात्मकता का आशीर्वाद मांगते हैं।

इस दिन शैक्षणिक संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र या शिक्षण के क्षेत्र से जुड़े लोग आशीर्वाद के लिए देवी के सामने (Saraswati Puja 2025) अपनी किताबें रखते हैं। इस दिन उत्तर भारत में पतंग उड़ाना भी एक लोकप्रिय परंपरा है। यह पर्व आध्यात्मिक विकास, बौद्धिक खोज और बदलते मौसम के साथ जीवन के नवीनीकरण पर प्रकाश डालता है।

कब है इस वर्ष बसंत पंचमी?

इस वर्ष बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025 Date) 3 फरवरी, दिन सोमवार को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि प्रारम्भ तो 2 फरवरी 2025 को प्रातः 09:14 बजे से हो जाएगा लेकिन उदया तिथि के अनुसार यह पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा।

वसंत पंचमी मुहूर्त - सुबह 09:14 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक
वसंत पंचमी मध्याह्न मुहुर्त - दोपहर 12:33 बजे

पंचमी तिथि प्रारम्भ - 02 फरवरी 2025 को प्रातः 09:14 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त - 03 फरवरी 2025 को प्रातः 06:52 बजे

क्यों बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का होता है बहुत महत्व?

बसंत पंचमी, वसंत के पहले दिन मनाई जाती है। पीला रंग (Basant Panchami 2025 Colour) इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे वस्त्र हो, सजावट हो या भोजन, इस दिन पीले रंग का बहुत महत्व होता है। बसंत पंचमी आते ही प्रकृति एक सुनहरी पीले रंग की साड़ी पहन लेती है। खेत सरसों के फूल, डेफोडिल, गेंदा, पीली जलकुंभी, पीली लिली की चमक से लहलहा उठते हैं।

पीला रंग जुड़ा है मां सरस्वती से

पीला रंग सरस्वती (Yellow Colour on Basant Panchami) से जुड़ा हुआ है क्योंकि यह रंग ज्ञान का प्रतीक है और सरसों के खेतों को भी दर्शाता है जो वसंत ऋतु के आगमन से जुड़े हैं, इसलिए पूजा अनुष्ठानों के एक भाग के रूप में सरस्वती देवी को पीले फूल और मिठाइयां चढ़ाई जाती हैं। कहा जाता है कि ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी को हुआ था। यह माघ महीने के चंद्र महीने का पांचवां दिन होता है। पीला रंग वसंत ऋतु का प्रतिनिधित्व करता है और सरस्वती की पूजा मुख्य रूप से गेंदे के फूलों से की जाती है जबकि महिलाएँ उसी रंग के रंगों से खुद को सजाती हैं।

पीला रंग शांति और समृद्धि का है प्रतीक

पीला रंग (Yellow Colour Significance) शांति और समृद्धि का भी प्रतीक है। यह अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है और नए सूरज और नए जीवन की चमक को दर्शाता है। साथ ही यह देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग भी है। पीले रंग को बसंती कहा जाता है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से बसंत या वसंत से संबंधित है। यह होली का मुख्य रंग भी है और चूंकि बसंत पंचमी नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, इसलिए इसे एक शुभ रंग भी माना जाता है।

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