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Chambal Dacoit News: चंबल के डकैतों की खौफनाक दास्तां के 15 साल, जब बीहड़ में सुनाई देती थी गोलियों की धांय-धांय

Chambal Dacoit News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में डकैतों का खौफ खत्म हुए 15 साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया। बीहड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
06:15 PM Jan 07, 2025 IST | Suyash Sharma
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Chambal Dacoit News: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में डकैतों का खौफ खत्म हुए 15 साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया। बीहड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां फिल्में बन रही हैं। दूसरी ओर रिकॉर्ड में पुलिस ने 1 साल में करीब 106 डकैतों का समर्पण करा दिया। इसकी वजह 1981 में लागू हुआ ‘एमपी डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम’ है। इसे डकैतों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया था।

बीहड़ में खोते गए डकैत

एक समय था जब बीहड़ में गोलियों की गड़गड़ाहट से आसपास का इलाका भी गूंज उठता था। ना जाने कितने लोग मारे गए और कुछ तो सलाखों के पीछे पहुंच गए। लेकिन समय के साथ बहुत कुछ बदला और धीरे-धीरे डकैतों ने समर्पण कर अच्छाई और शांति की राह चुनी। फलस्वरूप कुछ डकैत सजा काट कर जेल से बाहर आ चुके। लेकिन इनके लिए साल 1981 में बनाई गई 11/13 डकैती अधिनियम की धारा आज भी जिंदा है। इस अधिनियम का उपयोग अब मोबाइल झपटने, अपहरण जैसी घटनाओं में किया जा रहा है। कानून के जानकार ओर बुद्धिजीवी मानते हैं कि इस धारा को खत्म करना चाहिए।

इस क्षेत्र में है अधिनियम लागू

यह अधिनियम 7 अक्टूबर 1981 को उन क्षेत्रों में लागू किया गया था, जहां 70-80 के दशक में डकैती, लूट व फिरौती के लिए अपहरण होते थे। अभी ग्वालियर जोन में यह ग्वालियर व शिवपुरी, चंबल जोन में भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया व रीवा जोन में रीवा और सतना में यह लागू है। अधिनियम बीएनएस-2023 (IPC-1860) की धाराओं के साथ उपयोग हो रहा है। इस धारा में विशेष कोर्ट में जमानत नही होती इसलिए इस धारा का उपयोग किया जा रहा है। आईजी ग्वालियर कहते हैं कि जो धारा के तहत अपराध होते है, तभी इसकी उपयोग होता है।

ग्वालियर-चंबल के दर्ज अपराधों की स्थिति

ग्वालियर में साल 2023 में 48 ओर साल 2024 में 35 मुकदमें दर्ज हुए। शिवपुरी में साल 2023 में 34 ओर 2024 में 19 मुकदमें दर्ज हुए। मुरैना में साल 2024 में 12 और भिंड जिले में साल 2024 में 15 मामले दर्ज हुए। दतिया में साल 2024 में 11 और श्योपुर में साल 2024 में 04 मुकदमें दर्ज हुए।

धारा का दुरुपयोग 

इस धारा का दुरूउपयोग इससे भी समझा जा सकता है कि 11 दिसंबर 2023 को दिल्ली से ग्वालियर आ रहे पीके यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. रणजीत यादव को मुरैना में अटैक आया। एंबुलेंस न मिलने पर लॉ स्टूडेंट्स हिमांशु श्रोतिय व सुकृत शर्मा ने हाई कोर्ट जज की कार लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उनके खिलाफ ग्वालियर के थाना पड़ाव में लूट और डकैती का केस दर्ज हुआ। वहीं, डबरा के वकील चंद्रभान मीणा का ग्राम बेलगढ़ा में जमीन को लेकर केदार रावत से विवाद था। जिसके बाद उन पर लूट व डकैती का केस दर्ज हो गया था।

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