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Dengue in Gwalior: ग्वालियर में डेंगू से हुई पांचवी मौत, परिजनों का बड़ा आरोप, कहा- डॉक्टरों ने नहीं बताई सही बात

Dengue in Gwalior: ग्वालियर। ग्वालियर जिले में डेंगू से पांचवी मौत हो गई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार परिवार के इकलौते चिराग ने ग्वालियर से इलाज के लिए दिल्ली ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया।...
01:09 PM Oct 14, 2024 IST | Suyash Sharma

Dengue in Gwalior: ग्वालियर। ग्वालियर जिले में डेंगू से पांचवी मौत हो गई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार परिवार के इकलौते चिराग ने ग्वालियर से इलाज के लिए दिल्ली ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। नौ साल के अयांश को 7 अक्टूबर को डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टर लगातार कहते रहे कि हालत में सुधार आ रहा है, लेकिन दशहरे के मौके पर रात में अचानक डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और दिल्ली ले जाने के लिए कहा। परिवार एम्बुलेंस में मासूम को दिल्ली लेकर निकला था, लेकिन धौलपुर तक ही पहुंचा था कि मासूम की जान चली गई।

डॉक्टरों ने परिजनों को नहीं बताई सही बात

डेंगू ने ग्वालियर में एक मासूम की जान ले ली है लेकिन स्वास्थ्य विभाग फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। अयांश श्रीवास्तव, ग्वालियर के थाटीपुर दर्पण कॉलोनी में रहने वाले प्रवीण श्रीवास्तव का इकलौता बेटा था। वह न्यूट्रिक स्कूल में कक्षा तीसरी का छात्र था। अयांश को कुछ समय से बुखार आ रहा था। सात अक्टूबर को उसकी हालत अचानक बिगड़ी तो उसे तत्काल परिजनों ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था। उसकी रिपोर्ट डेंगू (Dengue in Gwalior) पॉजिटिव आई थी और प्लेटलेट्स भी कम हो रही थी। इसके बाद भी डॉक्टर लगातार परिवार को सही स्थिति नहीं बताते हुए हालात में सुधार की बात कह रहे थे, लेकिन असल में बच्चे की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी।

जन्मदिन के सात दिन बाद ही हुई मौत

अयांश श्रीवास्तव 6 अक्टूबर को नौ साल का हुआ था। उसका जन्मदिन हर साल धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन इस बार उसकी तबीयत ठीक न होने के कारण बड़ा आयोजन नहीं किया गया। परिवार ने घर में ही छोटा सा जश्न किया और सभी ने उसकी लंबी उम्र की कामना की थी, लेकिन सात दिन बाद ही अयांश दुनिया से चला गया।

परिजनों ने अस्पताल पर लगाया बड़ा आरोप

बता दें कि नौ साल के अयांश की मौत के बाद उसके पिता प्रवीण श्रीवास्तव और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। अयांश उनका इकलौता सहारा था, लेकिन उनको यह समझ नहीं आ रहा कि वह ऐसे कैसे छोड़कर जा सकता है। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और डॉक्टरों द्वारा लगातार अयांश की हालत उनसे छुपाए रखने का आरोप भी लगाया है। परिजनों का मानना है कि डॉक्टर पहले ही दिल्ली के लिए डिस्चार्ज कर देते तो अयांश आज जिंदा होता।

ग्वालियर में इस वर्ष सामने आए डेंगू के 1030 मामले

वहीं दूसरी ओर ग्वालियर में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्वालियर में जनवरी 2024 से लेकर आज तक 1030 डेंगू के मरीज सामने आए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हो गई है। चार लोगों की मौत तो 21 सितंबर से 26 सितंबर के बीच सिर्फ पांच दिन में हो गई थी। एक सितंबर 2024 से अभी तक 816 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 17 साल से कम उम्र वाले 396 मरीज हैं।

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