Van Khandeshwar Mahadev: यहां है महाभारत कालीन वन खंडेश्वर महादेव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ा जनसैलाब
Van Khandeshwar Mahadev: दतिया। वन खंडेश्वर महादेव मंदिर की उत्पत्ति 5000 वर्ष पुरानी मानी जाती है। पीतांबरा पीठ परिसर में स्थित है। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि जब अर्जुन और अन्य पांडवों ने अपने युद्ध की तैयारी की थी तब भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद के लिए इस पावन स्थान का चुनाव किया गया था।
भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सुबह होते ही यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु जल बेलपत्र और दूध अर्पित कर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर पहुंचे हैं। इस पावन दिन पर मंदिर में होने वाले विशेष पूजा-अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठानों ने यहां के माहौल को और भी दिव्य बना दिया है। विशेष आयोजन के बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और मंदिर की अध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी यहां पहुंचकर भगवान शिव पर जल अर्पित कर आरती उतारी। उनका यह आगमन मंदिर के इतिहास एवं महात्म्य को और अधिक महत्व प्रदान करता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
वे कहती हैं कि वन खंडेश्वर महादेव का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास का प्रतीक है। महाशिवरात्रि पर यहां आकर जो आध्यात्मिक ऊर्जा अनुभव होती है वह अतुलनीय है। मंदिर के इतिहास में महाभारत काल से जुड़े कई चमत्कारिक किस्से प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पावन स्थल पर आराधना करने से मन की शांति प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। पीतांबरा पीठ परिसर में स्थित इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच यह आस्था प्रबल है कि यहां अर्पित जल और दूध के साथ बेलपत्र की महिमा भगवान शिव की कृपा को आमंत्रित करती है।
(दतिया से निशांत तिवारी की रिपोर्ट)
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