Barkatullah University: बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय बना सियासी अखाड़ा, ABVP-NSUI आए आमने-सामने, किया रामधुन और सुंदरकांड का पाठ
Barkatullah University: भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय सियासत का अखाड़ा बन चुकी है। एक तरफ बीजेपी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और दूसरी तरफ कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई है। ताजा मामला छात्रों के मंदिर जाने से जुड़ा हुआ है। इस पूरे मुद्दे पर एबीवीपी ने हॉस्टल वार्डन को हटाने की मांग करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में रामधुन शुरू किया।
वार्डन को हटाने की मांग करते हुए ABVP ने किया सुंदरकांड का पाठ
आपका बता दें कि इस समय बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी में छात्रों के मंदिर जाने का मामला काफी तूल पकड़ चुका है। हॉस्टल में छात्रों से कहा गया कि हॉस्टल में आने का समय तय है और यदि छात्र समय पर नहीं आएंगे तो कार्रवाई होगी। इसी मामले को लेकर हॉस्टल वार्डन को एबीवीपी ने सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। संगठन ने वार्डन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वार्डन छात्रों को मंदिर जाने से रोकती हैं। वार्डन का विरोध करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय (Barkatullah University) परिसर में रामधुन और सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया और वार्डन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया।
चीफ हॉस्टल वार्डन ने दिया स्पष्टीकरण
इस बीच चीफ होस्टल वार्डन प्रोफेसर आइसा रईस का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा हम लोगों ने शार्ट आउट कर दिया था। हॉस्टल में शाम 7:30 बजे तक स्टूडेंट्स को आना होता है। स्टूडेंट्स ने फोन करने पर बताया कि हम लेट होंगे। बच्चों को वार्डन और मेट्रन ने समझाइश दी थी। पिछले माह 22 अक्टूबर को ही यह मुद्दा खत्म हो गया था। स्टूडेंट्स की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है, ऐसा कोई इश्यू नहीं है कि पूजा के लिए मना किया गया। वीसी से इस मामले पर बात हुई थी। इस संबंध में जांच-पड़ताल के लिए जांच पैनल बना दिया गया है और Barkatullah University हॉस्टल वार्डन ने अपने पद से रिजाइन कर दिया है।
बीयू मामले में गरमाई सियासत
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले पर एनएसयूआई भी कूद पड़ी है। यहां एबीवीपी वार्डन के विरोध में है तो कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई वार्डन के सपोर्ट में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय जा पहुंची। एनएसयूआई ने कहा कि वार्डन ने सिर्फ अपना काम किया, यह छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय मैनेजमेंट इस मुद्दे को किस तरह हल करता है।
यह भी पढ़ें: