Agar Malwa Crime: भू-माफियाओं ने बेच दी पुलिस विभाग को आंवटित 8 बीघा जमीन, प्रशासन की जांच से हुआ खुलासा

Agar Malwa Crime: आगर मालवा के सुसनेर में शासकीय जमीनों पर भू-माफियाओं ने स्थानीय पुलिस विभाग को ही चूना लगा दिया।
agar malwa crime  भू माफियाओं ने बेच दी पुलिस विभाग को आंवटित 8 बीघा जमीन  प्रशासन की जांच से हुआ खुलासा

Agar Malwa Crime: आगर मालवा। जिले के सुसनेर में शासकीय जमीनों पर जादूगरी का खेल दिखाकर उसे निजी हाथों में बेचने वाले भू-माफियाओं ने स्थानीय पुलिस विभाग को ही चूना लगा दिया। पुलिस थाना निर्माण के लिए वर्ष 1975 में शाजापुर के तत्कालीन कलेक्टर के आदेश से आंवटित हुई 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन में से 8 बीघा जमीन भू-माफियाओं ने बेच दी। यह खुलासा आगर के कलेक्टर के दिए गए जांच के आदेश के बाद हुआ।

माफियाओं ने लगाया सरकार को चूना

स्थानीय प्रशासन द्वारा गठित जांच दल के प्रतिवेदन से मामले का खुलासा हुआ। यह प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को भेज भी दिया गया। बता दें कि इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरीय क्षेत्र में मुख्य सड़क से लगी हुई शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 2003/2 वर्ष 1975 में शाजापुर के तत्कालीन कलेक्टर के आदेश से 16 बीघा, 9 बिस्वा जमीन पुलिस थाना भवन और अन्य कार्यों के लिए पुलिस विभाग को आंवटित की गई थी। इस जमीन पर थाने का निर्माण होना था।

उस समय जमीन के नगर से बाहर होने के कारण हाथी दरवाजे के समीप संचालित पुलिस थाना वहां शिफ्ट नहीं किया जा सका। कई वर्षों तक इस सर्वे क्रमांक की पुलिस विभाग को आंवटित जमीन पुलिस विभाग के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी। इसके बाद इस जमीन पर राजस्व विभाग के कर्मचारीयों से साठगांठ करके 1985 में ढाई बीघा जमीन पर लोगों को पट्टे बनाकर दे दिए गए। ये पट्टे बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के जारी किए गए। इसके बाद जिन लोगों को पट्टे दिए गए थे, उन लोगों के नाम से इस सर्वे नम्बर की जमीनों को बेचने का काम शुरू हुआ।

प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा पूरा खेल

राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिली भगत करके इस जमीन के सर्वे नम्बर के टुकडे 2003/3, 2003/4, 2003/5 में करके बेचते रहे। मजे की बात यह रही कि जिन लोगों के नाम से जमीन बेची गई, उनका रकबा कम नहीं हुआ। उसके बाद फिर से जमीन को बेच दिया गया। पुलिस विभाग को आंवटित यह जमीन इंदौर-कोटा राजमार्ग पर जिस जगह स्थित है।

उस जगह पर जमीनों के भाव आगे के हिस्से के 2200 रूपए स्क्वेर फीट है। पीछे के हिस्से का रेट शासकीय गाइड लाइन के अनुसार 1100 रूपए स्क्वेर फीट है। इस हिसाब से इस जमीन का भाव जोड़ा जाए तो 8 बीघा जमीन कम से कम 20 करोड रूपए तो होंगे ही। शासकीय रिकार्ड में पुलिस विभाग को आंवटित जमीन की रजिस्ट्री और उसके बाद खरीदने वाले के पक्ष में जमीन का नामांतरण आखिर कैसे हो गया, यह सोचने वाली है।

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