Aidal Singh Kansana: कृषि मंत्री कंसाना का नया दावा, “रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से किसानों को नहीं मिल रही खाद”

Aidal Singh Kansana: भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत हो रही है। कई-कई घंटों तक लाईन में लगने के बाद भी खाद हाथ नहीं लग पाती और जो मिलती भी है तो इतनी नहीं होती कि खेतों...
aidal singh kansana  कृषि मंत्री कंसाना का नया दावा  “रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से किसानों को नहीं मिल रही खाद”

Aidal Singh Kansana: भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत हो रही है। कई-कई घंटों तक लाईन में लगने के बाद भी खाद हाथ नहीं लग पाती और जो मिलती भी है तो इतनी नहीं होती कि खेतों में पूरी पड़े। ऐसे में खाद की किल्लत दूर करने के बजाय प्रदेश के कृषि मंत्री कहते हैं कि रूस यूक्रेन युद्ध चल रहा है जिसके चलते खाद का संकट पैदा हुआ है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार से सवाल किए हैं कि बीजेपी सरकार में मंत्री (Aidal Singh Kansana) को नहीं दिख रहा है कि सालों से यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसानों को धोखा दे रही है।

फसल बोने के लिए किसान कर रहे खाद का इंतजार और मंत्री ने दे दिया नया बहाना

अगली फसल बोने के लिए प्रदेश के किसान फेडरेशन में खाद की तलाश कर रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि खाद नहीं है और अभी इसके लिए किसानों को और इंतजार करना होगा। लगातार लंबे समय से विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए सरकार में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना (Aidal Singh Kansana) ने खाद कि कमी के लिए यूक्रेन रूस युद्ध को जिम्मेदार बता दिया।

प्रदेश में खाद के स्टॉक का भी पता नहीं मंत्री को

कृषि मंत्री ने माना कि प्रदेश में खाद की कमी चल रही है। उन्होंने कहा कि रुस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद आने में 15 से 20 दिन दिन का समय लग रहा है। फिर भी मध्य प्रदेश में किसान को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार किसानों के लिए खाद समय पर पहुंचाने का काम कर रही है। मीडिया के सवालों पर कृषि मंत्री एदल सिंह बगलें झांकने लगे और खाद की कमी का ठीकरा कांग्रेस पर ही फोड़ दिया। हालांकि मंत्रीजी का होम वर्क भी बहुत कमजोर था, न तो मंत्रीजी को पता था कि पिछले बार कितनी खाद आई और इस बार कितनी खाद की जरूरत है। मंत्रीजी को यह भी नहीं पता कि मध्य प्रदेश में खाद का कितना स्टॉक है और सोयाबीन के कितने रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

खाद की कमी पर दिग्विजय सिंह ने मांगा था बीजेपी से जवाब

इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस ने भी खाद की किल्लत पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने यहां तक कहा कि एमपी में चुनाव हो चुके हैं और महाराष्ट्र में चुनाव हैं। ऐसे में यहां की जगह केंद्र सरकार महाराष्ट्र के किसानों को खाद दे रही है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में कुल डिमांड की तुलना में आधे से भी कम खाद उपलब्ध हो पा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है।

दिग्विजय सिंह ने बताए आंकड़े

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, "देश में करीब 100 लाख टन डीएपी की जरूरत है, जबकि देश में चार लाख टन प्रति माह का उत्पादन होता है। मध्य प्रदेश में डीएपी की 9 लाख टन से ज्यादा की जरूरत है, लेकिन अभी तक सिर्फ 4.5 टन ही डीएपी आया है। बाकी 6 लाख टन से ज्यादा की कमी है। प्रदेश के किसानों को सरकार डीएपी के स्थान पर एनपीके डालने को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले एनपीके भी एक लाख टन मध्य प्रदेश में उपलब्ध है।"

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