Ashoknagar News: मुख्यमंत्री ने लव-कुश के जन्म पर कहा- यह राई नृत्य नहीं 'रघुराई नृत्य' है

Ashoknagar News: अशोकनगर। जिले के मुंगावली क्षेत्र में लगने वाला सुप्रसिद्ध मेला रंग पंचमी पर्व पर शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीला धाम में पहुंचे।
ashoknagar news  मुख्यमंत्री ने लव कुश के जन्म पर कहा  यह राई नृत्य नहीं  रघुराई नृत्य  है

Ashoknagar News: अशोकनगर। जिले के मुंगावली क्षेत्र में लगने वाला सुप्रसिद्ध मेला रंग पंचमी पर्व पर शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव करीला धाम में पहुंचे। यहां पर उन्होंने माता जानकी करीला क्षेत्र में जन्मे लव-कुश के साथ महर्षि वाल्मीकि जी की गुफा की पूजा अर्चना की। बाद में उपस्थित हुए श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। बता दें कि जब मुख्यमंत्री पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे तो वह सीढ़ी टूट गई।

सीएम की सुरक्षा में बढ़ी चूक

यहां पर यह एक बड़ी चूक नजर आई है कि जिस सीढ़ी पर केंद्रीय मंत्री खड़े थे, वह टूट गई। इस सीढ़ी पर मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव एवं प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला भी इस सीढ़ी पर खड़े थे। केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक नजर आई। इसमें श्रद्धालुओं को लगाए गए बेरिकेट में पुलिस वाले संभालते हुए नजर आए हैं। पूर्व राज्य मंत्री एवं विधायक बृजेंद्र सिंह यादव के द्वारा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कहा कि यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मेला है। यहां पर हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, इसमें अमावस और पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

मनोकामना पूरी होने पर राई नृत्य

यहां पर मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगी जाती है, उसकी मन्नत पूर्ण होती है। यहां पर उसके बदले में राई नृत्य किया जाता है। मुख्यमंत्री के सामने कारीला क्षेत्र के में शराब के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र करने के लिए मांग रखी है। जिसमें कहा हे कि यहां पर राई नृत्य कराते हैं तो अधिकतर सोचते हैं। करीला क्षेत्र में शराब पूरी तरह से बंद होने की मांग भी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने राई नृत्य में किया संशोधन

सीएम ने कहा कि मैं पहली बार यहां पर आया हूं। पिछली बार पर मुझे यहां पर ऐसा लगा कि यहां पर कोई चुंबक लगा है। एक बार कोई आता है तो खिचा चला आता है। अपने आप बुलाता है, यह वो स्थान है। सीएम ने कहा कि मैं राई नृत्य में थोड़ा सा संशोधन करना चाहूंगा। जब श्रीराम जी के घर में लव कुश पैदा हुए होंगे तो रघुराई नृत्य हुआ होगा। उनके नाम पर समर्पित यह भावना से जुड़ा भाव का नृत्य है। भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम जी के दोनों के बीच 17 लाख साल का अंतर है लेकिन दोनों ने इस देश के अंदर अपने जीवन से सच्चे अर्थो में मानवता को पुनः स्थापित करने का काम किया।

(अशोकनगर से भारतेंदु सिंह बैंस की रिपोर्ट)

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