Guna Road Problem: जयवर्धन सिंह के गढ़ में आज भी रोड से वंचित हैं लोग, खटिया के सहारे गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
Guna Road Problem: गुना। जिले का राघौगढ़ विधानसभा में दिग्विजय सिंह का घर है और 10 साल तक वे यहीं से विधायक और मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके पुत्र जयवर्धन सिंह तीसरी बार विधायक हैं। इसके बाद भी उनके विधानसभा क्षेत्र में कई गांव आज भी सड़कों से वंचित हैं। ऐसा ही मामला एक राधौगढ़ तहसील के नाथूपुरा गांव से सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को सड़क न होने के कारण खटिया पर लिटाकर एम्बुलेंस तक ले जाना पड़ा। यह घटना गांव के ग्रामीणों के लिए एक गंभीर समस्या को उजागर करती है। खराब सड़कें और संचार की कमी से जीवनदायिनी सेवाओं तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।
सड़क के लिए गांव वालों में रोष
जानकारी के अनुसार, नाथूपुरा गांव रूठियाई इलाके का एक दूरस्थ और कठिन क्षेत्र है। यहां की अधिकांश आबादी सहरिया समाज से है। इस गांव में बसी बस्तियों तक पहुंचने के लिए केवल एक कच्चा रास्ता है, जो खासकर बारिश के दौरान बहुत खराब हो जाता है। इस कच्चे रास्ते पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं। इसे पार करना लगभग असंभव हो जाता है। कोई भी चार पहिया वाहन इस रास्ते से नहीं गुजर सकता और इस क्षेत्र में एम्बुलेंस जैसी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। आज नाथूपुरा गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर परिवार वालों ने तुरंत एम्बुलेंस को कॉल किया। आशा कार्यकर्ता भी महिला के पास पहुंच गईं लेकिन एम्बुलेंस खराब सड़क के कारण गांव तक नहीं पहुंच पाई।
खाट के सहारे मैन रोड तक पहुंचाया
इसके बाद महिला के परिजनों ने उसे खटिया पर लिटाकर आधा किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। इस दौरान आशा कार्यकर्ता रास्ते में आगे-आगे चलती रहीं जबकि परिवार के सदस्य महिला को खटिया पर लेकर चल रहे थे। आधा किलोमीटर का यह कठिन सफर तय करने के बाद महिला को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। गांव के रास्ते की इस समस्या ने स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को और भी कठिन बना दिया। खराब सड़कें न केवल आपातकालीन स्थितियों में बल्कि रोजमर्रा के जीवन में भी ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। इसके कारण गर्भवती महिलाओं और अन्य जरूरतमंदों के लिए चिकित्सा सहायता प्राप्त करना एक संघर्ष बन जाता है।
अधिकारियों का यह है कहना
राघौगढ़ तहसील के नायब तहसीलदार रेणु कांसलीवाल ने इस घटना के बाद कहा कि यह जानकारी उनके माध्यम से मिली है और वे जल्द ही गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरी कदम उठाए जाएंगे ताकि ग्रामीणों को बेहतर सड़क सुविधाएं मिल सकें और आपातकालीन स्थिति में उन्हें चिकित्सा सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके। यह घटना इस बात का संकेत है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ आम जनजीवन पर भी गंभीर असर डाल रही है। इस दिशा में तत्काल सुधार की जरूरत है।
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