Badwani News: बड़वानी के मांझी ने 2 साल में खोद डाला कुआं, ऐसी है संघर्ष की कहानी
Badwani News: बड़वानी। बिहार के जीतनराम मांझी की कहानी तो आपने सुनी होगी। लेकिन, ऐसी ही एक कहानी बड़वानी से भी सामने आई है। यहां एक दृष्टिवाधित व्यक्ति ने मेहनत के बलवूते पर दो साल की कड़ी मेहनत से कुआं खोद डाला। अब उसकी जुबानी जिसने भी सुनी वह दंग रह गया।
मजबूत इरादे से बदली किस्मत
बड़वानी जिले के पार्टी क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति की कहानी जो एक छोटी सी टूटी फूटी झोपड़ी में रहकर अपना गुजर बसर कर रहा है। जब खेती के लिए पानी की जरूरत पड़ी तो 75% दृष्टि बाधित वेर सिंह ने कुआं खोदने का मन बनाया। यूं तो एक कुएं को खोदने के लिए लगभग चार से पांच व्यक्ति लगते हैं लेकिन अपने दृढ़ निश्चय से वीर सिंह ने 2 साल की कड़ी मेहनत से 40 फीट गहरा कुआं खोद दिया। वीर सिंह डॉक्टर के सर्टिफिकेट के हिसाब से 75% दृष्टि बाधित है। बहुत ना के बराबर व्यक्ति को नजर आता लेकिन ऐसे में उसने अपने लिए मकान भी बनाया और परिवार के लिए एक कुआं भी खोद डाला।
परिवार की है जिम्मेदारी
ग्रामीणों का कहना है कि वीर सिंह जो ठान लेता है वह करके दिखाता है। दोनों आंखों से नहीं दिखाने के बावजूद खुद अकेले रहकर अपना खाना पकाता है। साथ ही अफना गुजर-बसर करता है। दूसरों के खेतों में भी काम करता है। नालों और खेतों से पत्थर उठा-उठा कर एक छोटी सी झोपड़ी बनाई। हवा, आंधी में वह टूट गई लेकिन उसका हौसला ना तोड़ सकी। नई झोपड़ी बनाई और उसके किनारे पीने के लिए एक कुआं खोदा। सरकारी योजना के नाम से विकलांगता की योजना के तहत 600 रूपए प्रतिमाह और 5 किलो राशन मिल रहा है। इसके अलावा कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ना तो प्रधानमंत्री आवास मिला और ना ही कपिलधारा के तहत उसे कुआं निर्माण के लिए सरकारी योजना का लाभ मिला।
(बड़वानी से योगेश की रिपोर्ट)
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