बागेश्वर धाम में फूलों की होली के साथ होली महोत्सव की शुरुआत, धीरेंद्र शास्त्री बोले- 364 दिन बचाएंगे पानी, होली पर खूब बरसाएंगे रंग
Bageshwar Dham Holi छतरपुर: सिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम में बुधवार की रात से तीन दिवसीय होली महा महोत्सव की शुरुआत हो गई। पहले दिन फूलों की होली खेली गई। पहले दिन की होली बागेश्वर धाम में दिन रात सेवा देने वाले सेवादारों को समर्पित रही। इस खास अवसर पर बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह सनातन की होली है। होली लोगों के जीवन में रंग घोलने का काम करती है। होली पर पानी बचाने का ज्ञान देने वालों पर भी बागेश्वर बाबा ने बड़ा बयान दिया है।
अपना व्यवहार बदलिए, हमारा त्योहार मत बदलिए- बागेश्वर बाबा
भगवान बालाजी को गुलाल अबीर समर्पित करने के साथ ही तीन दिवसीय महोत्सव (Holi Festival in Bageshwar Dham) की शुरुआत हुई। होली पर पानी बचाने का संदेश देने वालों आड़े हाथों लेते हुए बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "यह सनातन और हिंदुओं की होली है। उन्होंने कहा कि होली लोगों के जीवन में रंग घोलने का काम करती है। शास्त्री जी ने स्पष्ट किया कि 364 दिन पानी बचाएंगे, लेकिन होली के दिन खूब रंग बरसाएंगे।"
बागेश्वर धाम में फूलों के होली
बागेश्वर धाम में फूलों के होली खेली गई। वहीं, बागेश्वर महाराज ने कहा कि सनातन धर्म हम सबको एकजुट करने का माध्यम है। हमारे त्योहार आपस में मेल मिलाप बढ़ाने की शिक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि होली (Bageshwar Dham Holi) जीवन में उत्साह और उमंग का रंग घूमती है। उन्होंने देश भर के लोगों को होली की शुभकामनाएं दी। पहले दिन की होली धाम के दिन रात कार्य कर रहे तीन सैकड़ा से अधिक सेवादारों को समर्पित की गई। बागेश्वर बाबा ने सभी सेवादारों को होली की शुभकामनाएं देते हुए उनके लिए विशेष व्यंजन बनवाए। उन्होंने बुंदेलखंड के महाकुंभ के रूप में हुए विशाल आयोजन में दिन-रात सेवा करने पर सेवादारों का धन्यवाद भी दिया।
चित्रलेखा जी के भजनों से बागेश्वर धाम बना वृंदावन
होली के रंग बालाजी के संग के भाव से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी चित्रलेखा जी ने बागेश्वर धाम (Devi Chitralekhaji in Bageshwar Dham) में भजनों की ऐसी प्रस्तुतियां दीं कि समूचा बागेश्वर धाम श्री धाम वृंदावन के रूप में प्रतीत होने लगा। उनके भजन पर धाम में उपस्थित हजारों लोगों का सैलाब झूमने लगा। चित्रलेखा जी ने 'श्याम चंदा है, श्यामा चकोरी' गीत से भजन संध्या की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कारे को लाल, बना रही रे बरसाने वाली, डारो डारो रे रंग बनवारी पर, होली पर तबाही मच जाएगी, मेरी बीती उमरिया सारी, होरी खेले रघुवीरा अवध में जैसे लोकप्रिय भजनों के प्रस्तुति में सबको भाव विभोर कर दिया। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। महाराज श्री श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ाते रहे।
बाबा बागेश्वर ने एक बालक को दिया बड़ा मंच
धाम में जब चित्रलेखा जी की भजनों की प्रस्तुति हो रही थी और फूलों की होली खेली जा रही थी, तभी महाराज श्री की नजर बिहार के गोपालगंज से आए एक मासूम बालक पर पड़ी जो मंच के पास ही खड़ा था। महाराज श्री ने तत्काल सेवादारों से 10 साल के बालक को मंच पर बुलाया और होली के गीतों में उसे झूमने और अपने भाव प्रकट करने का अवसर दिया। आयुष हरिजन नाम का यह बालक अपने आप को अत्यंत सौभाग्यशाली मान रहा था। बालक ने कहा कि महाराज श्री के दर्शन करने वह अपने परिवार के साथ यहां आया है। महाराज श्री ने आयुष को कुछ धनराशि, एक अचला, नई तौलिया देते हुए आशीर्वाद दिया। कुछ इस तरह से बागेश्वर धाम में होली महोत्सव की शुरुआत हुई।
(गौरव शर्मा की रिपोर्ट)
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