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Bandhavgarh Tiger Reserve Elephants Death: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर हुआ 8, वन मंत्री ने कही बड़ी बात

Bandhavgarh Tiger Reserve Elephants Death: उमरिया। जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आई है। यहां जंगली हाथियों की मौत हो गई।
08:05 PM Oct 29, 2024 IST | Brijesh Shrivastava

Bandhavgarh Tiger Reserve Elephants Death: उमरिया। जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आई है। जंगली हाथियों की दर्दनाक मौत की खबर से हड़कंप मचा हुआ है। मरने वाले हाथियों की संख्या 8 पहुंच गई है। कुछ हाथी अभी भी बेहोश हैं, जिनके इलाज के लिए दर्जन भर डॉक्टर बुलाए गए, जो मौके पर पहुंचकर इलाज में जुटे हुए हैं। वन महकमे की प्राथमिक जानकारी में हाथियों के द्वारा किसानों की कोदों की फसल को खाने की बात सामने आई है, जिसकी वजह से हाथी आहत हुए।

जांच में जुटा प्रशासन

घटना से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है और जानकारी लगते ही डॉक्टरों की टीम को लेकर पूरा पार्क प्रबंधन मौके पर पहुंचकर आहत हाथियों को बचाने की हर संभव कोशिश में जुटा है। दर्दनाक हादसा बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा बफर वन परिक्षेत्र के सलखनियाँ बीट का है। यहां किसानों के खेत से जुड़े जंगल में हाथियों को बेहोश पड़े देखते ही वन महकमे में खलबली मच गई। हाथियों की यह हालत कैसे हुई इसकी तस्वीर तो पीएम के बाद साफ होगी लेकिन वन्य जीवों के जानकार कोदों ( मिलेटस) की फसल खाने से हाथियों को नुकसान पहुंचने की बात कर रहे हैं।

ऐसे में यह जरूर है कि कोदों की फसल में यदि कीटनाशक पड़ा रहा होगा तो वह जानलेवा हो सकता है। अब बांधवगढ़ पार्क के अंदर हाथियों की मौत का आंकड़ा बढ़ते हुए चार की जगह छह हो गया तो वहीं वन मंत्री ने x पर जानकारी देते हुए बताया कि एसआईटी की टीम का गठन कर दिया गया है। जांच कर अगर इस पर कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

13 हाथियों के झुंड में चार की मौत

टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने बांधवगढ़ में अपना रहवास बना लिया था। वर्तमान में अलग-अलग झुंड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं। प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है। लेकिन, जंगली हाथी गाहेबगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा।

जांच के बाद मामले का चलेगा पता

अब पार्क प्रबंधन मृत हाथियों के पोस्टमार्टम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामला क्या है? फसल में लगे माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने कीट नाशक छिड़काव किया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत गांवों में धान की फसल को कीटों से बचाने रासायनिक दवा का किसानों ने छिड़काव किया था, जिसे जंगली हाथियों ने खा लिया और उनकी मौत हो गई है। फिलहाल, जांच के बाद ही सही मामले का पता चल सकेगा। चार हाथियों की मौत ने टाइगर रिजर्व प्रबंधन को हिलाकर रख दिया है।

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