Betul Hindi News: दुष्कर्म की वजह से एक छात्रा हुई गर्भवती तो बाकी सभी छात्राओं के भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर डाले! मचा हंगामा
Betul Hindi News: बैतूल। जिले के शाहपुर ब्लॉक के एक स्कूल में बिना परिजनों की अनुमति के स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा नाबालिग छात्राओं के कौमार्य परीक्षण का मामला सामने आया है। अभी यह मामला काफी चर्चा में है, हालांकि इससे जुड़े सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले को लेकर एमपी फर्स्ट ने अल्प प्रवास पर आए मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से बातचीत की। वह बैतूल के सर्किट हाउस पहुंचे जहां एमपी फर्स्ट के सवालों का जवान देते हुए कहा कि इस मामले (Betul Hindi News) को दिखाते हैं और दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। देखना ही होगा इस पूरे मामले में कब तक और कैसी कार्रवाई होती है।
एक छात्रा के कारण सभी के प्रेग्नेंसी टेस्ट करा डाले
दरअसल हाल ही दुष्कर्म का शिकार हुई एक स्कूली छात्रा के गर्भवती होने पर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। अपने को बचाने के चक्कर में अधिकारी खुद तरह-तरह के बयान देते आ रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि एक छात्रा की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद सभी का टेस्ट कराए जाने से हड़कंप मच गया है। नियम में यह नहीं आता है, लेकिन अपने आप को बचाने के लिए प्रशासनिक अमले ने स्कूल की सभी नाबालिग छात्राओं के प्रेग्नेंसी टेस्ट कर डाले। यह बात खुद शाहपुर बीएमओ ने मीडिया को दिए अपने बयान में कबूल की है।
दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा थी गर्भवती
पहले चर्चा थी कि एसडीएम शाहपुर के निर्देश पर बीएमओ ने यह टेस्ट किए, लेकिन अब पूरे मामले से पल्ला झाड़ा जा रहा है। फिलहाल इतना बड़ा मामला होने के बाद प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दबी जुबान से पालकों में भी आक्रोश पनप रहा है। सूत्रों ने बताया कि शाहपुर ब्लॉक के एक ग्राम में हाईस्कूल की 10 वीं कक्षा की एक छात्रा विभागीय परीक्षण के दौरान गर्भवती पाई गई। इस स्कूल में कितने दिन बाद छात्राओं का परीक्षण हुआ था। इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
परीक्षण के दौरान नाबालिग छात्रा के गर्भवती निकलने के बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में उसे जांच के लिए शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। यहां उसे आगे के इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा का गर्भवती होना सामने आया। हालांकि तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने आरोपी को भी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। अब इस मामले में नया ट्वीस्ट आने से हड़कंप मच गया है।
एक छात्रा के बहाने सभी का कर दिया टेस्ट
बताया जाता है कि एक छात्रा के गर्भवती होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए करीब 20 अन्य छात्राओं का भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर दिया गया। यह घटना शनिवार की बताई जा रही है, लेकिन अब तक इस मामले को दबाकर रखा था। चूंकि 10 वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पाजीटिव आई थी, इसलिए अधिकारियों ने भी गंभीरता दिखाते हुए इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी थी। परन्तु एक छात्रा के गर्भवती होने पर बाकी सभी के प्रेगनेंसी टेस्ट करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नियमों में इस तरह का प्रावधान नहीं
इधर नियमों की बात करें तो पालकों की अनुमति के बिना किसी भी स्कूल में छात्राओं का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं किया जा सकता है। इतना जरूर है कि रूटिन चेकअप स्वास्थ्य विभाग द्वारा करने के प्रावधान है। नियमों के मुताबिक यदि कोई छात्रा यदि गर्भवती हो तो उसकी जांच के लिए पहले परिजनों से अनुमति लेना पड़ता है। शाहपुर ब्लॉक के स्कूल में जिस तरह नियमों को ताक पर रखकर प्रेगनेंसी टेस्ट किया गया, यह नियम के विरूद्ध है। दूसरी बात यह सामने आई है कि एक छात्रा की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पाजीटिव आने के बाद अन्य सभी 20 छात्राओं के भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर दिए गए। इसके लिए उनके पालकों से भी अनुमति लेना उचित नहीं समझा। अधिकारियों के मुताबिक यह मामला संवेदनशील है, लेकिन यहां अधिकारियों ने ही संवेदनशीलता को ताक पर रख दिया, इसलिए प्रशासन की पूरी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
बीएमओ ने माना, सभी छात्राओं के हुए टेस्ट
स्कूली छात्रा के गर्भवती होने की पुष्टि होने के बाद अधिकारी अपने आप को बचाओ की मुद्रा में देखे गए। हालांकि छात्रा को जब शाहपुर जांच के लिए लाया गया तो इसके बाद शाहपुर बीएमओ डॉ एसके रघुवंशी ने मीडिया को दिए बयान में स्पष्ट किया कि एक छात्रा के गर्भवती होने पर अन्य सभी के प्रेगनेंसी टेस्ट किए गए है। इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का उल्लेख किया है, लेकिन कितनी छात्राओं की रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है, उनके पत्र में उल्लेख नहीं है।
यह मामला चूंकि संवेदनशील होने के साथ गंभीर भी था, इसलिए क्षेत्र के एसडीएम ने भी मामले को लेकर नाराजगी जताई थी। हालांकि सभी छात्राओं का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के बाद अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में बीईओ एसके नामदेव से चर्चा करने का प्रयास किया तो उन्होंने मीटिंग का बहाना बनाकर बात करने से इंकार कर दिया।
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