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सावन सोमवार पर हर-हर महादेव जयकारे से गूंज उठा ढूड़ेश्वर मंदिर परिसर, 200 KM कांवड़ यात्रा कर पहुंचे भक्त

Bhind Dhundheshwar Mahadev Mandir भिंड: इन दिनों भगवान शिव शंकर भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन सोमवार पर देश भर शिवालयों में भारी संख्या में श्रद्धालु महादेव की पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, मध्य...
11:58 AM Aug 12, 2024 IST | Pradeep Rajawat

Bhind Dhundheshwar Mahadev Mandir भिंड: इन दिनों भगवान शिव शंकर भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन सोमवार पर देश भर शिवालयों में भारी संख्या में श्रद्धालु महादेव की पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के भिंड जिले में भी ढूड़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। डीजे, ढोल नगाड़े के साथ कांवड़िए भोलेनाथ के दरबार में पहुंच रहे हैं। भारी बारिश के बीच श्रद्धालु 52 पाला की कांवड़ लेकर करीब 200 किलोमीटर चलकर महादेव के दरबार में पहुंच रहे हैं।

मंदिर में 1000 वर्ष पुराना स्वयंभू शिवलिंग!

भिंड जिले का प्रसिद्ध ढूड़ेश्वर महादेव मंदिर (Dhundheshwar Mahadev Mandir) जो जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर लहरौली गांव में बीहड़ के किनारे स्थित है। मान्यता है कि,  मंदिर में विराजमान शिवलिंग करीब 1000 वर्ष पहले का है और स्वयंभू है। मान्यता है कि भोलेनाथ यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। मंदिर में लहरौली गांव के ही नहीं बल्कि आसपास के भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए ढूड़ेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। शिवरात्रि, सोमवार एवं श्रावण मास के महीने में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।

शिवलिंग को नहीं ले जा सके दूसरी जगह

स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर बीहड़ में खार (नाले) के किनारे है, ऐसे में कई बार कटाव का खतरा देखते हुए शिवलिंग को दूसरे स्थान पर ले जाने की कोशिश की गई। इसके लिए काफी खुदाई भी करवाई गई, लेकिन कोई शिवलिंग के तह तक नहीं पहुंच पाया। इसी बीच मंदिर के पुजारी को सपना आया कि यह शिवलिंग स्वयंभू है और जब तक शिवलिंग है कितना भी नदी का जलस्तर बढ़ जाए कटाव नहीं होगा। मान्यता है कि तब से लेकर आज दिन तक मंदिर और गांव सुरक्षित है।

200 किलोमीटर चलकर 51 पला की कांवड़ लेकर पहुंचे कांवड़िए

सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ के दरबार में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं, सावन के पावन अवसर पर बाबा के भक्त सिंगीरामपुर उत्तर प्रदेश गंगा नदी से 200 KM की दूरी तय कर पहली बार 51 पला की कावड़ में जल लेकर ढूड़ेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। कांवड़ियों ने बताया कि बाबा की कृपा के चलते 200 किलोमीटर की कठिन दूरी तय करने में कहीं कोई परेशानी नहीं हुई।

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