Bhind News: भिंड में एक और अजीबोगरीब मामला, नगरपालिका का रेन बसेरा ही हुआ गायब!
Bhind News: भिंड। नगरपालिका प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल परिसर में बनवाया गया रेन बसेरा आश्चर्यनजक रूप से गायब होने का एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल नगर पालिका के द्वारा भिंड शहर में दो रेन बसेरा बनाए गए थे, इनमें से एक रेन बसेरा बस स्टैंड क्षेत्र में है तो दूसरा जिला अस्पताल परिसर में था। जब इन रेन बसेरों की जांच-पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में पाया गया कि बस स्टैंड क्षेत्र में बना 20 पलंग वाला रेन बसेरा तो चालू है मगर जिला अस्पताल परिसर में अटल आश्रय स्थल नाम से बना रेन बसेरा में कई गड़बड़ियां पाई गईं। यहां पर रेन बसेरा का साइन बोर्ड तो लगा है, मगर जब हमारी टीम ने अंदर जाकर देखा तो हैरान करने वाली बात सामने निकल कर आई, जो रैन बसेरा अस्पताल में भर्ती मरीजों के अटेंडरों के रूकने के लिए बनाया था, वहां मरीजों का इलाज चल रहा था। सबसे बड़ी बात, यहां नगर पालिका की महिला कर्मचारी ड्यूटी भी दे रही थी। मौके पर तैनात महिला कर्मचारी अंजू शाक्य ने बताया कि जो रेन बसेरा था, वह 3 साल से बंद है। अब यहां अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला मेडिकल वार्ड बना दिया है, लेकिन नगर पालिका की ओर से आज भी हम पांच कर्मचारी लगातार ड्यूटी दे रहे हैं।
रात को खुले में रुकने को मजबूर अटेंडर!
जिला अस्पताल परिसर में मौजूद मरीजों के अटेंडर ने बताया कि रात के समय उनके रूकने के लिए जो रेन बसेरा था, वहां मरीज का इलाज चल रहा है और उनको रूकने में काफी परेशानी आ रही है। उन्हें खुले में रुकना पड़ रहा है, यहां गंदगी भी है और गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, वह खुद को असुरक्षित भी महसूस कर रहे थे और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अटल आश्रय स्थल रेन बसेरा को पुनः चालू कराया जाए।
सीएमओ ने कहा, नपा द्वारा संचालित रेन बसेरा पर जिला अस्पताल प्रबंधन ने किया कब्जा
इस मामले में नगरपालिका सीएमओ ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर उनके विभाग द्वारा संचालित रेन बसेरा पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है। इस मामले में जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
प्रदेश की सबसे पुरानी व बड़ी नपा में सिर्फ एक ही रेन बसेरा मौजूद!
प्रदेश की भिंड नगर पालिका राज्य की सबसे पुरानी एवं बड़ी नगर पालिका मानी जाती है। भिंड जिला मुख्यालय होने के नाते यहां आसपास के लोग, मरीज और उनके अटेंडर भी आते हैं। साथ ही शहर के कई गरीब और मजदूर वर्ग के लोग जो रेन बसेरा में रात को रुकने के लिए सहारा लेते हैं, उन्हें भी जगह नहीं मिलती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बस स्टैंड पर मौजूद एक ही 20 पलंग वाला रेन बसेरा काफी है। लोगों ने कहा कि गरीब मजदूर वर्ग के लोग आज भी भिंड शहर में रुकने के लिए दूसरा रेन बसेरा ना होने के कारण परेशान होते हैं और खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, उन्होंने प्रशासन से दूसरे रेन बसेरा संचालित करने की मांग की की है।
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