Bhopal Gas Tragedy: गैस त्रासदी के 40 साल, 40 साल बाद भी उस काली रात को याद कर खड़े हो जाते हैं रोंगटे

Bhopal Gas Tragedy भोपाल: भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन उस काली रात की पीड़ा लोग आज भी नहीं भूल पा रहे हैं। उस दर्दनाक रात का जहरीला असर आज भी पीड़ितों की जिंदगी को...
bhopal gas tragedy  गैस त्रासदी के 40 साल  40 साल बाद भी उस काली रात को याद कर खड़े हो जाते हैं रोंगटे

Bhopal Gas Tragedy भोपाल: भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन उस काली रात की पीड़ा लोग आज भी नहीं भूल पा रहे हैं। उस दर्दनाक रात का जहरीला असर आज भी पीड़ितों की जिंदगी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। उस दर्दभरी दास्तां को याद कर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हिंदुस्तान का दिल रातों रात तबाह हो गया था। गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) में असमय दिवंगतों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी श्रद्धांजलि दी है। आखिर रातों-रात ऐसा क्या हुआ जिसके चलते आज भी लोग परेशान हैं आइए जानते हैं।

CM मोहन यादव ने दी श्रद्धांजलि

वहीं, गैस त्रासदी में मारे गए लोगों को प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने श्रद्धांजलि (Bhopal Gas Tragedy 1984) दी है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर उन दिवंगत आत्माओं को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिनके जीवन का असमय अंत इस त्रासदी में हुआ। जहरीली गैस के प्रभावित नागरिकों (Mohan Yadav on Bhopal Gas Tragedy) के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।"

भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल

बता दें कि, 2-3 दिसंबर 1984 की एक सर्द में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड फैक्ट्री (Union Carbide India Limited Factory) के कीटनाशक कारखाने से अचानक जहरीला मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव शुरू हो गया। जहरीली गैस रिसाव के चलते पल भर में 5400 से अधिक लोगों की जान चली गई। 5 लाख से अधिक लोग जहरीली गैस से प्रभावित हुए। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में से एक थी। इस हादसे के आज भले ही 40 साल हो गए, लेकिन भोपाल ही क्या पूरा देश उस मंजर को आज भी नहीं भूला पाया है।

यूनियन कार्बाइड कारखाने में कैसे हुआ गैस का रिसाव?

दरअसल, यूनियन कार्बाइड कारखाने में कीटनाशकों के उत्पादन के लिए मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) रसायन का इस्तेमाल होता था। इस फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और रखरखाव में लापरवाही के चलते टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट जहरीली गैस का रिसाव होने लगा। किसी को कुछ समझ में आता तब तक जहरीली गैस आस पास के इलाकों में फैल गई। जहरीली गैस आस पास के क्षेत्र में फैलते ही लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। कुछ ही घंटे में चीख-पुकार मच गई। लोग चारों ओर तड़प रहे थे। अस्पताल में लाशों की ढेर लग गई थी।

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