Bhura Baba Burhanpur: इस मंदिर में है "श्वान' की समाधि, 'भूरा बाबा' के नाम से है फेमस, पढ़ें पूरी खबर
Bhura Baba Burhanpur: बुरहानपुर। आपने मंदिरों में साधु-संतों की समाधि देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी किसी कुत्ते की समाधि के दर्शन किए हैं? मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के लालबाग क्षेत्र में एक ऐसा मंदिर है, जो न केवल अपनी भव्यता बल्कि अपनी अनोखी परंपरा के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में साईंबाबा की मूर्ति के साथ एक वफादार पालतू श्वान "भूरा बाबा" की समाधि भी बनाई गई है। यह संभवतः पूरे मध्यप्रदेश का इकलौता मंदिर है, जहां किसी कुत्ते को इतना सम्मान मिला है।
भूरा बाबा कौन थे?
कहते हैं कि भूरा बाबा कोई साधारण श्वान नहीं था। उसकी वफादारी और भक्ति की कहानियां आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं। कोई मानता है कि वह साईंबाबा के एक परम भक्त का प्रिय साथी था, तो कोई कहता है कि उसमें कोई अलौकिक शक्ति थी। उसकी सेवा और समर्पण को देखते हुए, भक्तों ने उसे मृत्यु के बाद मंदिर में ही समाधि दी हैं। आज यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है। रोजाना सैकड़ों लोग यहां आते हैं, साईंबाबा के दर्शन करते हैं और भूरा बाबा की समाधि पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। लोग मानते हैं कि भूरा बाबा की कृपा से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर में भक्तों का तांता
सुबह से शाम तक यहां भजन-कीर्तन की गूंज रहती है। भक्त फूल चढ़ाते हैं, अगरबत्ती जलाते हैं और भूरा बाबा की कहानियां सुनते हैं। खासतौर पर बच्चे इस मंदिर में बहुत रुचि लेते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पवित्र स्थल में आकर मन को असीम शांति और सुकून (Bhura Baba Burhanpur) मिलता है।तो अगर आप कभी बुरहानपुर आएं, तो इस अनोखे मंदिर के दर्शन करना न भूलें। साईंबाबा का आशीर्वाद और भूरा बाबा की वफादारी—दोनों का संगम आपको हैरान भी करेगा और दिल को छू भी जाएगा। भारत की आस्था और परंपरा का यह रंग सच में निराला है!
(बुरहानपुर से सोनू सोहले की रिपोर्ट)
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